लॉस एंजेल्स/वॉशिंगटन, 8 जून 2025 – अमेरिका के लॉस एंजेल्स शहर में इमिग्रेशन और कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) द्वारा की गई एक बड़ी छापेमारी ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया है। शुक्रवार को हुई इस छापेमारी के बाद शनिवार को लॉस एंजेल्स के पैरामाउंट इलाके में सैकड़ों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया, जो धीरे-धीरे हिंसक रूप लेता गया। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच कई जगहों पर झड़पें हुईं और शहर की कई सड़कों पर आगजनी की घटनाएं भी सामने आईं।
पैरामाउंट में उग्र हुआ प्रदर्शन
शेरिफ रॉबर्ट लूना के अनुसार, शनिवार को पैरामाउंट में 400 से अधिक लोग ICE की कार्रवाई के खिलाफ इकट्ठा हुए थे। यह प्रदर्शन शुरू में शांतिपूर्ण था, लेकिन भीड़ के उग्र होने पर इसे विभाग ने गैरकानूनी घोषित कर दिया। इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से बिना हिंसा के हटने की अपील की। लेकिन जैसे-जैसे भीड़ का गुस्सा बढ़ा, टकराव की स्थिति बन गई और कई स्थानों पर सड़कें जला दी गईं।
शहर में स्थिति को काबू में करने के लिए विशेष हथियारों से लैस सुरक्षाबलों को तैनात किया गया। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में देखा जा सकता है कि प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तीखा संघर्ष हुआ और कई इलाकों में आंसू गैस के गोले छोड़े गए।
छापेमारी की कार्रवाई और गिरफ्तारी
जानकारी के अनुसार, ICE एजेंटों ने शुक्रवार को लॉस एंजेल्स के विभिन्न हिस्सों में एक साथ छापेमारी की और दर्जनों अप्रवासी नागरिकों को गिरफ्तार किया। इस छापेमारी को ट्रंप प्रशासन की ओर से चलाए जा रहे कड़े इमिग्रेशन नियंत्रण के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है। यह पहली बार नहीं है जब ICE की इस तरह की कार्रवाइयों ने शहरों में विरोध को जन्म दिया है, लेकिन इस बार इसका स्वरूप बेहद उग्र रहा।
ट्रंप का सख्त बयान
लॉस एंजेल्स में आगजनी और हिंसा के बाद पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर एक सख्त पोस्ट साझा किया। उन्होंने कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसॉम और लॉस एंजेल्स की मेयर करेन बास को आड़े हाथों लेते हुए कहा,
“अगर ये दोनों नेता अपना काम नहीं कर सकते, जैसा कि सभी जानते हैं, तो संघीय सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ेगा। हम दंगों और लूट की समस्या को वैसे ही हल करेंगे जैसे उसे किया जाना चाहिए।”
ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब पूरे अमेरिका में इमिग्रेशन नीति को लेकर बहस तेज हो गई है। कई डेमोक्रेटिक नेता इन कार्रवाइयों को मानवाधिकारों के खिलाफ बता रहे हैं, जबकि रिपब्लिकन नेता इसे कानून व्यवस्था बहाल रखने की जरूरत कह रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन पर सवाल
हालांकि, स्थानीय प्रशासन ने दावा किया है कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है और जरूरी कार्रवाई की जा रही है। लेकिन ट्रंप के तीखे हमले के बाद सवाल उठने लगे हैं कि क्या राज्य सरकार और नगर निगम प्रशासन इस स्थिति को सही तरीके से संभाल पा रहा है।
मेयर करेन बास ने एक बयान में कहा, “हम सभी के लिए सुरक्षित वातावरण बनाना चाहते हैं, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हर नागरिक के अधिकार हैं। हम हिंसा के खिलाफ हैं, लेकिन हमें इस संकट का हल इंसानियत के साथ निकालना होगा।”
भविष्य की चिंता
अमेरिका में इमिग्रेशन का मुद्दा हमेशा से राजनीतिक बहस का केंद्र रहा है, लेकिन लॉस एंजेल्स जैसी बड़ी सिटी में हिंसक विरोध का यह स्तर चिंताजनक है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि ऐसे विरोध प्रदर्शन और तेज होते हैं, तो यह न केवल ट्रंप की वापसी की रणनीति को बल देगा, बल्कि डेमोक्रेटिक शासन की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े होंगे।
निष्कर्ष
लॉस एंजेल्स में ICE की छापेमारी ने न सिर्फ प्रशासनिक हलकों में हलचल मचाई है, बल्कि आम जनता के बीच भय और असंतोष का माहौल भी बना दिया है। विरोध प्रदर्शन और ट्रंप के सख्त बयानों ने इस मामले को और भी संवेदनशील बना दिया है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वाकई संघीय सरकार हस्तक्षेप करती है या राज्य सरकार इस आग को शांत करने में सफल होती है।