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केंद्र ने 7 हजार करोड़ की ATAGS तोप खरीद को दी मंजूरी, पाकिस्तान और चीन सीमा पर होगी तैनात

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Posted On:Tuesday, March 25, 2025

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) ने भारतीय सेना के लिए 7,000 करोड़ रुपये की उन्नत टोड आर्टिलरी गन प्रणाली (एटीएजीएस) की खरीद को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय भारत में विकसित बंदूकों के स्वदेशी उत्पादन को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

स्वदेशी तोप प्रणाली की विशेषताएं

एटीएजीएस पहली पूर्णतः स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित 155 मिमी तोप प्रणाली है। इसकी खरीद से भारतीय सेना की परिचालन क्षमता में काफी वृद्धि होगी। इस तोप में 52 कैलिबर की लंबी बैरल है, जिससे यह 45 किलोमीटर दूर तक लक्ष्य को भेदने में सक्षम होगी। यह अत्याधुनिक तोप दुश्मनों के खिलाफ भारतीय सेना को निर्णायक बढ़त दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

भारतीय सेना को सामरिक बढ़त

इस सौदे के तहत कुल 307 बंदूकें और 327 बंदूकधारी वाहन खरीदे जाएंगे। इन्हें पश्चिमी सीमा (पाकिस्तान) और उत्तरी सीमा (चीन) पर तैनात किया जाएगा, जिससे भारतीय सेना को सामरिक बढ़त मिलेगी और उसकी परिचालन तत्परता और मारक क्षमता बढ़ेगी। यह बड़ी कैलिबर वाली तोप अधिक विस्फोटक शक्ति के साथ दुश्मन पर हमला करने में सक्षम होगी। इसके अतिरिक्त, इसमें स्वचालित तैनाती और लक्ष्य निर्धारण जैसी आधुनिक क्षमताएं भी हैं।

'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा

एटीएजीएस को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय निजी रक्षा उद्योग के सहयोग से विकसित किया गया है। इसके 65% से अधिक घटक भारत में निर्मित हैं, जिनमें बैरल, थूथन ब्रेक, बैक ब्रीच मैकेनिज्म, फायरिंग और रिकॉइल सिस्टम, तथा गोला-बारूद हैंडलिंग सिस्टम शामिल हैं। यह रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत पहल को मजबूती प्रदान करेगा।

पुरानी तोपों की जगह लेगी एटीएजीएस

एटीएजीएस की तैनाती से भारतीय सेना की तोपखाना प्रणाली का आधुनिकीकरण होगा और पुरानी हो चुकी 105 मिमी और 130 मिमी तोपों की जगह लेगी। इस तोप का स्वदेशी उत्पादन भारत में मजबूत आपूर्ति श्रृंखला और जीवनचक्र रखरखाव भी सुनिश्चित करेगा। इससे रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता और मजबूत होगी।

तकनीकी आत्मनिर्भरता

एटीएजीएस की मुख्य प्रौद्योगिकियां जैसे नेविगेशन सिस्टम, थूथन वेग रडार और सेंसर पूरी तरह से भारत में विकसित किए गए हैं, जिससे विदेशी प्रौद्योगिकी और आयात पर निर्भरता कम हो गई है। यह भारतीय रक्षा प्रणाली को और अधिक स्वायत्त और सशक्त बनाएगा।

निष्कर्ष

एटीएजीएस तोपों की यह खरीद भारतीय सेना को अत्याधुनिक तकनीक से लैस करने और उसकी युद्ध क्षमता को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह निर्णय न केवल भारतीय रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। इस महत्वपूर्ण कदम से भारतीय सेना को और अधिक प्रभावी एवं आधुनिक बनाया जा सकेगा।


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