मनोहर पर्रीकर (Manohar Parrikar) का जन्म 13 दिसम्बर, 1955 और मृत्यु 17 मार्च 2019 को पणजी, गोवा में हुई थी। ये गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री थे। वह भारत के रक्षामंत्री भी रहे। उत्तर प्रदेश से वह राज्य सभा के सांसद भी रह चुके थे। उन्होंने सन् 1978 मेंं आई.आई.टी. मुम्बई से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। भारत के किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री बनने वाले मनोहर पर्रीकर पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने आई.आई.टी. से स्नातक किया। उन्हें 2001 में आई.आई.टी. मुम्बई द्वारा 'विशिष्ट भूतपूर्व छात्र' की उपाधि भी प्रदान की गयी थी। मनोहर पर्रीकर चार बार गोवा के मुख्यमंत्री रहे।
मनोहर पर्रीकर का जीवन परिचय
मनोहर पर्रीकर का पूरा नाम 'मनोहर गोपालकृष्ण प्रभु पर्रीकर' है। इनका जन्म 13 दिसंबर 1955 को गोवा के मापुसा में हुआ। उन्होंने अपने स्कूल की शिक्षा मारगाव में पूरी की। इसके बाद आई.आई.टी. मुम्बई से इंजीनियरिंग और 1978 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। पर्रिकर के दो बेटे उत्पल और अभिजात हैं। अभिजात गोवा में ही अपना बिजनेस चलाते हैं तो बेटे उत्पल ने अमेरिका से इंजीनियरिंग की डिग्री ली है। पर्रिकर की पत्नी मेधा अब इस दुनिया में नहीं हैं। 2001 में उनकी पत्नी का कैंसर के चलते निधन हो गया था।
मनोहर पर्रीकर का राजनीतिक परिचय
आई.आई.टी. की पढ़ाई से गोवा के मुख्यमंत्री और रक्षा मंत्री तक का मनोहर पर्रीकर का सफर काफ़ी रोचक रहा। उतार-चढ़ाव वाले इस सफर को पर्रीकर ने अब तक बड़ी समझदारी से पूरा किया है। इनका यह राजनीतिक सफर वर्ष 1994 में शुरु हुआ जब वे गोवा विधानसभा के विधायक चुने गए। 24 अक्टूबर 2000 में वे गोवा के मुख्यमंत्री नियुक्त हुए और 27 फरवरी 2002 तक अपने इस कार्यभार को संभाला। इसके बाद जून 2002 में वे दोबारा राज्य के लिए मुख्यमंत्री चुने गए। 29 जनवरी 2005 को उनकी सरकार अल्पमत में चली गयी। लेकिन मनोहर पर्रीकर ने बड़ी ही समझदारी से भाजपा के साथ 24 विधानसभा क्षेत्रों को जीत 2012 के विधानसभा चुनावों में वापसी की। वे 8 नवंबर 2014 तक गोवा के मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद उन्होंने केंद्र में एक महत्वपूर्ण पद हासिल किया।
मनोहर पर्रीकर का व्यक्तित्व
गोवा के वर्तमान मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर अपनी सादगी के लिए मशहूर हैं। गोवा का सर्वोच्च पद होने के बावजूद पर्रीकर क्षेत्र का दौरा अपने विधायकों के साथ अकसर स्कूटर पर करते हैं। जब वे किसी कार्यक्रम में शरीक भी होते हैं तो वे साधारण वेशभूषा में पहुंचते हैं। पर्रीकर के एक नजदीकी बताते हैं कि एक बार पर्रीकर को एक कार्यक्रम में शरीक होने पांच सितारा होटल जाना था, लेकिन समय पर उनकी गाड़ी खराब हो गई। उन्होंने तत्काल एक टैक्सी बुलवाई और साधारण कपड़े और चप्पल पहने वे होटल पहुंचे। जैसे ही टैक्सी से वे उतरे तो होटल के दरबान ने उन्हें रोका और कहा कि तुम अन्दर नहीं जा सकते। तो पर्रीकर ने दरबान को बताया कि वे गोवा के मुख्यमंत्री हैं, यह सुनकर दरबान ठहाके मारकर हंसने लगा और बोला कि 'तू मुख्यमंत्री है तो मैं देश का राष्ट्रपति हूं।' इतने में कार्यक्रम के आयोजक मौके पर पहुंचे और मामला सुलझाया।
मनोहर पर्रीकर का योगदान
संघ में रहते और उनकी काबिलियत को देखते हुए महज 26 साल की उम्र में ही उन्हें गोवा का संघसंचालक बना दिया गया था। राम जन्मभूमि आंदोलन के वक्त भी नॉर्थ गोवा में उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी। ये पर्रिकर की काबिलियत और सादगी ही थी जिससे प्रभावित होकर मोदी ने उन्हें गोवा से बुलाकर रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी थी। मोदी पर्रिकर की एडमिनिस्ट्रेटिव और ऑर्गनाइजेशन स्किल के कायल हैं।
मनोहर पर्रीकर का निधन
मनोहर पर्रिकर कई महीनों से कैंसर से परेशान होने के बावजूद गोवा के मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाल रहे थे। 17 मार्च, 2019 की शाम को पहले उनके स्वास्थ ख़राब होने की बात सामने आई, लेकिन थोड़ी देर बाद उनकी मृत्यु की पुष्टि कर दी गई।
मनोहर पर्रीकर के महत्वपूर्ण पद
1988: भाजपा से हाथ मिला राजनीति में लिया प्रवेश।
1994: पहली बार गोवा राज्य की दूसरी विधानसभा के लिए निर्वाचित।
2001: गोवा में भाजपा के महासचिव व प्रवक्ता।
24 अक्टूबर 2000 से 27 फरवरी 2002: राज्य के मुख्यमंत्री होने के साथ गृह, वित्त, शिक्षा और प्रशासन को संभाला
5 जून 2002: दोबारा गोवा के मुख्यमंत्री बने।
जून 2002: गोवा राज्य की चौथी विधान सभा में फिर से निर्वाचित।
जून 2007: गोवा की पांचवीं विधानसभा में फिर से निर्वाचित, बने विपक्ष के नेता।