मुंबई, 07 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। बांग्लादेश सरकार ने हिल्सा मछली के अवैध शिकार पर रोक लगाने के लिए सेना की तैनाती कर दी है। न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक, इसके लिए 17 युद्धपोत और गश्ती हेलिकॉप्टर निगरानी में लगाए गए हैं। ये जहाज और विमान 24 घंटे समुद्री सीमाओं की निगरानी कर रहे हैं ताकि घरेलू और विदेशी मछुआरे गहरे पानी में घुसपैठ न कर सकें। अधिकारियों ने बताया कि 4 से 25 अक्टूबर तक हिल्सा के प्रजनन क्षेत्रों में मछली पकड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। हिल्सा, जिसे बांग्लादेश में ‘इलिश’ कहा जाता है, देश की राष्ट्रीय मछली है और इसे वहां मां का दर्जा प्राप्त है। यह मछली हर साल अंडे देने के लिए समुद्र के गर्म पानी से नदियों के ठंडे पानी की ओर लौटती है। इस मछली पर लाखों लोगों की आजीविका निर्भर करती है। फिलहाल ढाका में हिल्सा की कीमत 2800 से 3000 टका यानी लगभग 2050 से 2200 रुपये प्रति किलोग्राम है। भारत के पश्चिम बंगाल में भी यह मछली अत्यधिक लोकप्रिय है और ऊंची कीमत पर बिकती है।
भारतीय मछुआरे गंगा नदी और उसके डेल्टा क्षेत्रों में हिल्सा पकड़ते हैं, जिससे कोलकाता और पश्चिम बंगाल की जरूरतें पूरी होती हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि अत्यधिक मछली पकड़ने से प्रजनन काल में हिल्सा की संख्या में कमी आ सकती है। पर्यावरण विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि जलवायु परिवर्तन और समुद्र के जलस्तर में बढ़ोतरी से हिल्सा के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। पूर्व वर्ल्ड फिश परियोजना प्रमुख मोहम्मद अब्दुल वहाब ने कहा कि हिल्सा को अंडे देने के लिए शांत और निर्बाध जल की आवश्यकता होती है, इसलिए नौसेना की भारी उपस्थिति प्रजनन प्रक्रिया में बाधा डाल सकती है। उन्होंने सुझाव दिया कि निगरानी के लिए ड्रोन तकनीक का उपयोग बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। सरकार ने मछुआरों की आर्थिक सहायता के लिए हर परिवार को 25 किलोग्राम चावल वितरित किया है, हालांकि कई मछुआरे इसे अपर्याप्त बता रहे हैं। 60 वर्षीय मछुआरे सत्तार माझी ने बताया कि तीन हफ्ते तक मछली न पकड़ना बहुत कठिन है क्योंकि उनके पास जीविका का कोई और साधन नहीं है।
बांग्लादेश विश्व के सबसे बड़े मछली उत्पादक देशों में से एक है। भारत और चीन के बाद यह तीसरे स्थान पर आता है। हिल्सा मछली देश के कुल मछली उत्पादन का लगभग 12 प्रतिशत हिस्सा है। हर साल यहां करीब 5.5 से 6 लाख टन हिल्सा पकड़ी जाती है, जिससे पांच लाख मछुआरे और इससे जुड़े उद्योगों में करीब 20 लाख लोगों को रोजगार मिलता है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में बांग्लादेश ने 71,477 टन मछली और मछली उत्पादों का निर्यात किया, जिससे लगभग 4,376 करोड़ टका की आमदनी हुई।