मुंबई, 06 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। राजस्थान हाईकोर्ट में आज एसएमएस अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में लगी आग को लेकर जस्टिस महेन्द्र गोयल और जस्टिस अशोक जैन की बेंच ने गंभीर मौखिक टिप्पणी की। अदालत ने सरकारी बिल्डिंगों के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकारी भवनों में लगातार हादसे हो रहे हैं, कहीं आग लग रही है, कहीं छत गिर रही है। विशेष रूप से एसएमएस ट्रोमा सेंटर, जो नया बना है, वहां भी यह हादसा हुआ है, जो चिंताजनक है। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने जर्जर स्कूलों की स्थिति और उनके सुधार के लिए किए गए कार्यों की जानकारी कोर्ट में दी। लेकिन अदालत सरकार की रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हुई। बेंच ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सरकार 9 अक्टूबर तक जर्जर स्कूलों पर अब तक खर्च की गई राशि, भविष्य में होने वाले बजट और पूरी प्रक्रिया का विस्तृत रोडमैप अदालत में पेश करे। अदालत ने चेतावनी दी कि अगर यह नहीं किया गया तो मुख्य सचिव को स्पष्टीकरण देने के लिए बुलाया जाएगा।
यह सुनवाई दो महीने पहले झालावाड़ जिले के पिपलोदी स्कूल हादसे के संदर्भ में हो रही थी, जिसमें 25 जुलाई को 7 बच्चों की मौत हो गई थी। उस दिन सुबह क्लासरूम की छत गिरने से 35 बच्चे दब गए थे। हादसे के बाद हाईकोर्ट ने स्वप्रेरणा से जनहित याचिका दर्ज कर इस मामले में सुनवाई शुरू की थी। अदालत का रुख स्पष्ट है कि सरकारी इमारतों की सुरक्षा और इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थिति पर तुरंत ध्यान दिया जाना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों और बच्चों की जान जोखिम में न आए।