बनारस न्यूज डेस्क: बलिया के बांसडीह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉक्टर वेंकटेश मौआर की सोमवार को वाराणसी जिला जेल में मौत हो गई। रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किए गए 42 वर्षीय डॉक्टर की तबीयत जेल में अचानक बिगड़ गई थी। जेल अधीक्षक सौरभ श्रीवास्तव के मुताबिक, उन्हें क्वारंटाइन बैरक में रखा गया था और सुबह बुखार की शिकायत पर जेल अस्पताल में इलाज किया गया। हालत गंभीर होने पर उन्हें कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
जेल प्रशासन का कहना है कि मौत से पहले वेंकटेश से उनके परिवारजन मुलाकात करने आए थे और उसी दौरान उनकी तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई। आशंका जताई जा रही है कि भीषण गर्मी और हीट स्ट्रोक के कारण उनकी हालत खराब हुई। फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और आगे की जांच जारी है।
वेंकटेश मौआर को एंटी करप्शन ब्यूरो ने 12 जून को बलिया में घूस लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था। आरोप था कि उन्होंने सीएचसी परिसर में एक मेडिकल स्टोर को संचालित करने के लिए तीन लेटर जारी करने के बदले तीन लाख रुपये की मांग की थी। स्टोर संचालक अजय तिवारी के अनुसार, दो लेटर जारी करने के बाद भी वेंकटेश हर महीने 20 हजार रुपये की मांग करने लगे और तीसरा लेटर देने से इनकार कर दिया।
अजय तिवारी ने परेशान होकर वाराणसी की एंटी करप्शन टीम से शिकायत की। योजना के तहत अजय को केमिकल लगे 20 हजार रुपये दिए गए और जैसे ही डॉक्टर वेंकटेश ने रुपये लिए, टीम ने उन्हें पकड़ लिया। गिरफ्तारी के बाद उन्हें वाराणसी के कैंट थाने लाया गया और फिर जिला जेल भेजा गया था। मूल रूप से डॉक्टर वेंकटेश बिहार के औरंगाबाद जिले के बरुन थाना क्षेत्र स्थित मौआर गांव के निवासी थे।