बनारस न्यूज डेस्क: शताब्दी वर्ष में पहुंची अखंड ज्योति अब पहली बार काशी आ रही है, जिसे देखने और पूजने के लिए काशीवासियों को 12 दिनों का विशेष अवसर मिलेगा। यह ज्योति पिछले 24 वर्षों में 30 करोड़ गायत्री मंत्रों से सिद्ध की गई है। यह ज्योति हरिद्वार के शांतिकुंज से निकलकर देश के अलग-अलग हिस्सों में युग परिवर्तन, विश्व शांति और जनकल्याण का संदेश लेकर यात्रा पर निकली है।
इस विशेष अखंड ज्योति यात्रा की शुरुआत श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन से होगी। वहां से यह पूर्वांचल के 20 जिलों की यात्रा करेगी। शुक्रवार को यह रथ काशी पहुंचेगा, जहां इसे देखने के लिए विशेष तैयारियां की गई हैं। यह यात्रा सिर्फ धार्मिक नहीं बल्कि वैचारिक और आध्यात्मिक चेतना का भी प्रसार कर रही है।
गायत्री परिवार के जिला समन्वयक गंगाधर उपाध्याय ने बताया कि इस अखंड ज्योति की शुरुआत 1926 में आचार्य पं. श्रीराम शर्मा ने की थी। गायत्री मंत्रों की साधना के साथ जलाई गई यह ज्योति अब पूरे देश में लोगों के बीच आध्यात्मिक जागृति फैलाने के लिए पहुंचाई जा रही है। काशी में भी इस ज्योति से प्रज्ज्वलित ज्योति का दर्शन विशेष रूप से करवाया जाएगा।
रथ यात्रा के दौरान सुबह दर्शन और पूजन का कार्यक्रम होगा, जबकि शाम को दीपयज्ञ और गुरुदेव श्रीराम शर्मा के विचारों से लोगों को अवगत कराया जाएगा। जिले के जनप्रतिनिधि, अधिकारी और विशिष्टजन भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। बताया गया है कि जो ज्योति 40 वर्षों तक निरंतर जलती रहती है, वह सर्वसिद्ध मानी जाती है — और यह विशेष अखंड ज्योति सौ वर्ष पूरे कर रही है। इसके दर्शन से मनोकामनाएं पूर्ण होने की मान्यता है।