बनारस न्यूज डेस्क: वाराणसी जिला एवं सत्र न्यायालय ने दलित युवक पर हमले के एक मामले में नगर निगम के सुपरवाइजर अनिकेत उपाध्याय को अंतरिम राहत दी है। विशेष न्यायाधीश (एससी-एसटी एक्ट) देवकांत शुक्ला की अदालत ने उन्हें 25-25 हजार रुपये के दो जमानतदारों और बंधपत्रों के आधार पर अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। अदालत ने नियमित जमानत पर सुनवाई के लिए अगली तारीख 5 जून तय की है। इस मामले में आरोपी पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव समेत अन्य वकीलों ने पक्ष रखा।
मामला जनवरी 2021 का है, जब महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के एमए समाजशास्त्र के छात्र अश्वनी सोनकर ने सिगरा थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि वह रोज़ की तरह विश्वविद्यालय गया था, जहां अनिकेत उपाध्याय, आयुष यादव और अनुराग राय रोज़ की तरह जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए उसे अपमानित कर रहे थे।
प्राथमिकी के मुताबिक, घटना के दिन यानी 29 जनवरी को करीब 3 बजे जब अश्वनी अपने दोस्त अनुराग सिंह राजपूत के साथ घर लौट रहा था, तब तीनों आरोपित रास्ते में मिले और जातिगत गालियों के साथ उसके ऊपर हमला कर दिया। अश्वनी का आरोप है कि अनिकेत उपाध्याय ने पिस्टल के कुंदे से उस पर वार किया और सभी ने मिलकर उसे लात-घूंसों से बुरी तरह मारा। उन्होंने धमकी दी कि “खटिक जाति के होकर तुम पढ़ाई नहीं कर सकते, अगर फिर विश्वविद्यालय आए तो जान से मार देंगे।”
इस घटना के बाद सिगरा थाने में आरोपितों के खिलाफ दलित उत्पीड़न कानून समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। अब इस मामले में आरोपित नगर निगम सुपरवाइजर अनिकेत उपाध्याय ने अदालत में समर्पण कर जमानत की अर्जी दी थी। अदालत ने सुनवाई के बाद फिलहाल उन्हें अंतरिम जमानत दे दी है, जबकि नियमित जमानत की सुनवाई 5 जून को होगी।