बनारस न्यूज डेस्क: पूर्वांचल में बने कम दबाव के क्षेत्र का असर मौसम पर साफ नजर आने लगा है। हवा की दिशा में बदलाव और बादलों की आवाजाही के चलते तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। वाराणसी में अधिकतम तापमान सामान्य से करीब चार डिग्री कम 37.4 डिग्री रहा, जबकि न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पछुआ हवाएं 15 से 20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हैं, जिससे लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत महसूस हुई।
हालांकि बीएचयू के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ की वजह से मानसून की चाल बिगड़ चुकी है। प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि मानसून पिछले छह दिनों से बंगाल की सीमा पर रुका हुआ है और अब वह कमजोर भी पड़ गया है। उन्होंने कहा कि आने वाले कुछ दिनों में बारिश की संभावना बेहद कम है और यह भी संभव है कि मानसून का अगला प्रभाव असम की ओर चला जाए।
इस बीच, आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के डॉ. अतुल कुमार सिंह ने बताया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के ऊपर लगभग तीन किमी की ऊंचाई तक एक ट्रफ लाइन बन चुकी है। इसके चलते पूर्वांचल के कुछ हिस्सों में तेज हवाएं चलीं और कुछ जगहों पर गरज-चमक के साथ हल्की बारिश भी देखने को मिली।
डॉ. सिंह ने आगे बताया कि आने वाले 1-2 दिनों में पश्चिमी विक्षोभ के पूर्व की ओर खिसकने के साथ ही बारिश की संभावनाएं और कमजोर हो जाएंगी। 5 जून को हल्की फुहारें पड़ सकती हैं, लेकिन 6 जून से बारिश का सिलसिला पूरी तरह से थम सकता है। इसके बाद तापमान में 3 से 5 डिग्री तक की बढ़ोतरी संभव है, जिससे फिर से गर्मी की वापसी हो सकती है।