बनारस न्यूज डेस्क: उत्तर रेलवे मेरठ को जल्द ही वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के माध्यम से अयोध्या और वाराणसी से जोड़ने की योजना पर काम कर रहा है। राज्यसभा सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने इस नई सेवा के वाया अयोध्या संचालन की पुष्टि की है। उत्तर रेलवे ने मेरठ से वाराणसी तक ट्रेन का प्रस्तावित समय निर्धारित कर लिया है। लखनऊ रेल मंडल जल्द ही अयोध्या रेलवे ट्रैक का सर्वे कर अपनी रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को सौंपेगा, जिसके बाद ट्रेन का संचालन शुरू होगा।
वंदे भारत एक्सप्रेस मेरठ से सुबह 6:35 बजे रवाना होगी और वाराणसी शाम 5:45 बजे पहुंचेगी। वापसी में ट्रेन वाराणसी से सुबह 9:50 बजे चलेगी और रात 9:05 बजे मेरठ सिटी स्टेशन पहुंचेगी। इस ट्रेन के शुरू होने से मेरठ को रामनगरी अयोध्या और प्राचीन नगरी काशी से सीधा जोड़ा जाएगा।
वर्तमान में वंदे भारत एक्सप्रेस मेरठ से लखनऊ तक चल रही है, लेकिन इसमें यात्रियों की संख्या कम है। आधी से ज्यादा ट्रेन खाली चल रही है। राज्यसभा सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी और सांसद अरुण गोविल ने रेल मंत्री से वंदे भारत को लखनऊ से वाया अयोध्या, वाराणसी तक विस्तार देने की मांग की थी। रेल मंत्री ने इस पर सहमति जताई और रेलवे बोर्ड को आवश्यक निर्देश दिए।
पिछले दिनों रेलवे बोर्ड ने लखनऊ रेल मंडल से अयोध्या और वाराणसी तक वंदे भारत ट्रेन के लिए रेलवे ट्रैक की सर्वे रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट तैयार होने के बाद रेलवे ने ट्रेन का प्रस्तावित टाइम टेबल जारी कर दिया है। ट्रेन मेरठ से वाराणसी तक 11 घंटे 10 मिनट में और वाराणसी से मेरठ तक सवा 11 घंटे में सफर पूरा करेगी।
टाइम टेबल (मेरठ से बनारस वाया लखनऊ, ट्रेन नंबर 22490):
मेरठ: सुबह 6:35 (प्रस्थान)
मुरादाबाद: 8:35 (आगमन), 8:40 (प्रस्थान)
बरेली: 9:58 (आगमन), 10:00 (प्रस्थान)
लखनऊ: 13:45 (आगमन), 13:55 (प्रस्थान)
अयोध्या: 15:15 (आगमन)
बनारस: शाम 5:45 (आगमन)
टाइम टेबल (बनारस से मेरठ):
बनारस: सुबह 9:50 (प्रस्थान)
अयोध्या: 15:10 (आगमन)
लखनऊ: 13:40 (आगमन), 13:50 (प्रस्थान)
बरेली: 17:15 (आगमन), 17:17 (प्रस्थान)
मुरादाबाद: 18:50 (आगमन), 18:55 (प्रस्थान)
मेरठ सिटी: रात 9:05 (आगमन)
राज्यसभा सांसद वाजपेयी ने बताया कि वंदे भारत का संचालन वाया अयोध्या और वाराणसी होगा, इस पर कोई संशय नहीं है। प्रारंभिक कार्रवाई जारी है और जल्द ही ट्रेन के विधिवत संचालन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
वंदे भारत के इस नए रूट से मेरठ और आस-पास के यात्रियों को सीधा लाभ होगा। धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों के जुड़ने से पर्यटन और यात्रियों की संख्या में भी बढ़ोतरी की संभावना है।