जापान, जो अपने तकनीकी विकास, प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है, इन दिनों एक अजीबोगरीब भविष्यवाणी के चलते अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में है। दरअसल, जापान के पर्यटन उद्योग को उस चेतावनी से बड़ा झटका लग रहा है जो दशकों पहले एक मंगा कलाकार – रियो तात्सुकी – ने दी थी। सोशल मीडिया पर ‘जापानी बाबा वेंगा’ कहकर चर्चित रियो तात्सुकी ने अपनी 1999 की किताब The Future I Saw में जुलाई 2025 में एक भीषण समुद्री आपदा की भविष्यवाणी की थी।
क्या है भविष्यवाणी?
तात्सुकी की किताब के अनुसार, जुलाई 2025 में जापान के आसपास समुद्र के नीचे एक बड़ा विस्फोट होगा, जिससे तीव्र तीव्रता की सुनामी आएगी। यह सुनामी 2011 की विनाशकारी सुनामी से तीन गुना ज्यादा घातक बताई गई है। किताब में ‘उबलते समुद्र’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, जिसे लोग समुद्र के नीचे ज्वालामुखी विस्फोट का संकेत मान रहे हैं।
डर से बुकिंग रद्द
इस भविष्यवाणी का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है, फिर भी इसका असर गहरा हुआ है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जापान आने वाले पर्यटकों की बुकिंग में 40-50% की गिरावट देखी गई है। जुलाई वही समय होता है जब एशियाई पर्यटक जापान की यात्रा के लिए सबसे ज्यादा आते हैं। पर अब डर के चलते कई लोगों ने अपनी छुट्टियाँ रद्द कर दी हैं या स्थगित कर दी हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल डर
सोशल मीडिया पर #July2025Prediction ट्रेंड कर रहा है। Reddit, Instagram, और X (Twitter) पर लोग इस भविष्यवाणी पर चर्चा कर रहे हैं। कई लोगों ने आपातकालीन किट, फर्स्ट ऐड बॉक्स और पानी छानने वाले गैजेट खरीदने शुरू कर दिए हैं। कुछ लोग जहां इसे गंभीरता से ले रहे हैं, वहीं कई इस पर मीम्स बनाकर मजाक भी उड़ा रहे हैं।
सरकार की क्या प्रतिक्रिया है?
जापानी सरकार की ओर से अब तक कोई औपचारिक चेतावनी जारी नहीं की गई है। वैज्ञानिक विशेषज्ञों का भी मानना है कि इस भविष्यवाणी का कोई ठोस आधार नहीं है, और इसे अफवाह मानकर नजरअंदाज किया जाना चाहिए।
क्या रियो तात्सुकी की भविष्यवाणियां पहले भी सच हुई हैं?
तात्सुकी को जापान की ‘बाबा वेंगा’ कहे जाने के पीछे कारण है – उनकी कुछ पुरानी भविष्यवाणियों का आंशिक सच होना। उनकी किताब में 2011 की सुनामी जैसी आपदा का संकेत पहले से ही मौजूद था, जो अब जाकर लोगों को चौंका रहा है। हालांकि यह चर्चा अभी तक केवल संयोग ही मानी जा रही है।
लोगों की मन:स्थिति पर असर
इस तरह की भविष्यवाणियों का असर केवल बुकिंग्स तक सीमित नहीं है। लोगों की मानसिक स्थिति पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। कई परिवार अब समुद्र किनारे स्थित शहरों में यात्रा करने से हिचक रहे हैं, खासकर वे जो बच्चों या बुजुर्गों के साथ सफर कर रहे हैं।
निष्कर्ष
इस पूरी स्थिति से एक बात साफ होती है कि भविष्यवाणियों का समाज पर कितना गहरा प्रभाव पड़ सकता है, भले ही उसके पीछे कोई वैज्ञानिक आधार न हो। तात्सुकी की कल्पनाशीलता अब वास्तविक डर बन चुकी है और यह डर जापान के पर्यटन कारोबार को धीमा कर रहा है।
हालांकि यह भी जरूरी है कि हमें तथ्यों और वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर फैसले लेने चाहिए, अफवाहों पर नहीं। जापान आज भी एक सुरक्षित, विकसित और सुंदर देश है – और जब तक कोई आधिकारिक चेतावनी नहीं आती, तब तक डर नहीं, विवेक से काम लेना ही बेहतर है।