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फैक्ट चेक: इस शख्स को जबरन ताबूत में बंद करने का ये डराने वाला वीडियो सूडान का नहीं है

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Posted On:Tuesday, November 4, 2025

सोशल मीडिया पर हाल ही में एक दिल दहला देने वाला वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग एक युवक को जबरन ताबूत में बंद करते दिख रहे हैं। वीडियो के साथ यह दावा किया जा रहा है कि यह घटना सूडान की है और इस युवक को इस्लामिक आतंकवादियों ने इसलिए दफनाया क्योंकि सूडान के खनिज भंडारों पर यूएई जैसे शक्तिशाली देशों की नज़र है, जो सूडान के गृहयुद्ध में अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) की मदद कर रहे हैं। जयपुर वोकल्स फ़ैक्ट चेक टीम ने वायरल हो रहे इस वीडियो की पड़ताल की और पाया कि यह दावा पूरी तरह से भ्रामक और फर्जी है। यह वीडियो न तो हाल-फिलहाल का है, न ही इसका सूडान के गृहयुद्ध या यूएई के आरोपों से कोई संबंध है।

सच्चाई: यह वीडियो 2016 के दक्षिण अफ्रीका का है

वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर जो सच्चाई सामने आई, वह चौंकाने वाली थी। यह घटना लगभग आठ साल पुरानी, अगस्त 2016 की है, और इसका स्थान सूडान नहीं, बल्कि दक्षिण अफ्रीका का अमपूमलांगा प्रांत था।

घटना का विवरण:

पीड़ित: विक्टर म्लोत्श्वा (Victor Mlotshwa), एक अश्वेत मजदूर।

आरोपी: थियो मार्टिंस जैकसन (Theo Martins Jackson) और विलियम ओसथुइजेन (Willem Oosthuizen) नाम के दो गोरे किसान।

रिपोर्टों के अनुसार, इन दोनों गोरे किसानों ने विक्टर म्लोत्श्वा को बुरी तरह पीटा था और उन्हें जबरन एक ताबूत के अंदर लेटने पर मजबूर किया था। यह घटना उस समय दक्षिण अफ्रीका में नस्लीय भेदभाव (Racial Discrimination) के एक बड़े मुद्दे के रूप में उभरी थी और पूरे देश में इस पर भारी आक्रोश पैदा हुआ था।

आरोपियों का बचाव और पीड़ित का बयान

आरोपियों ने अपने बचाव में यह तर्क दिया था कि विक्टर अनाधिकृत तरीके से उनके खेत में घुस गया था और वे उसे 'सबक सिखाना' चाहते थे। हालांकि, पीड़ित विक्टर म्लोत्श्वा ने अदालत में बयान दिया था कि वह केवल एक शॉर्टकट रास्ते का उपयोग करके कुछ दुकानों की ओर जा रहा था। विक्टर ने बताया कि जब वह ताबूत के अंदर था, तो उसने आरोपियों को यह कहते हुए सुना था कि "चलो इसमें पेट्रोल डालकर आग लगा दें।" जब उसे लगा कि आरोपी वहां से चले गए हैं, तो वह किसी तरह अपनी जान बचाकर भागने में सफल रहा।

अदालत का फैसला और सजा

खेतिहर मजदूर विक्टर म्लोत्श्वा के साथ बदसलूकी के इस क्रूर मामले में, दक्षिण अफ्रीकी अदालत ने थियो मार्टिंस जैकसन और विलियम ओसथुइजेन को दोषी माना।

थियो मार्टिंस जैकसन को 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई।

विलियम ओसथुइजेन को 11 साल की जेल की सजा सुनाई गई।

सूडान के संदर्भ में वायरल दावा भ्रामक

वायरल वीडियो को सूडान के गृहयुद्ध से जोड़ना पूरी तरह से गलत है। सूडान में 2023 से सेना और अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) के बीच टकराव चल रहा है, जिससे 1.5 लाख से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। सूडान ने यूएई पर RSF को हथियार और सोना खरीदकर मदद करने का आरोप लगाया है, लेकिन इस वास्तविक संघर्ष का संबंध वायरल हो रहे 2016 के नस्लीय अत्याचार के वीडियो से कतई नहीं है।

निष्कर्ष: ताबूत में बंद किए गए युवक का वायरल वीडियो सूडान में चल रहे गृहयुद्ध, यूएई के कथित हस्तक्षेप या किसी भी धार्मिक उत्पीड़न की हालिया घटना से संबंधित नहीं है। यह अगस्त 2016 में दक्षिण अफ्रीका में हुई नस्लीय हिंसा की घटना का है, जिसमें दो गोरे किसानों को एक अश्वेत मजदूर पर क्रूरता के लिए सजा सुनाई गई थी।


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