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इतिहास के पन्नों मेंः 30 अप्रैल

भारतीय सिनेमा के भीष्म पितामहः महाराष्ट्र के त्र्यंबकेश्वर में 30 अप्रैल 1870 में एक मराठी परिवार में महान फिल्म प्रोड्यूसर, डायरेक्टर और स्क्रीन राइटर दादा साहब फाल्के का जन्म हुआ। उनका असली नाम धुंडीराज गोविन्द फाल्के था। फाल्के को उनके पिता ने बेहतरीन शिक्षा उपलब्ध करायी। 1885 में वे सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स में गए और उन्होंने कला भवन, बड़ौदा में अपनी शिक्षा पूरी की। उन्होंने मूर्तिकला, इंजीनियरिंग, चित्रकला, पेंटिंग और फोटोग्रॉफी की शिक्षा ली। गोधरा में एक छोटे फोटोग्राफर के रूप में जिंदगी शुरू करने वाले दादा साहब फाल्के बाद में प्रिंटिंग प्रेस का बिजनेस की तरफ मुड़े और इसका गुर सीखने जर्मनी गए।
 
हालांकि जल्द ही उनका झुकाव फिल्म की ओर हुआ। 1910 में आई मूक फिल्म 'द लाइफ ऑफ क्राइस्ट' देखकर वे 1912 में लंदन गए और प्रसिद्ध फिल्म निर्माता सेसिल हेपवर्थ से फिल्म निर्माण के गुर सीखे। बेहद कठिन आर्थिक परिस्थियों और बहुत मशक्कत के बाद उन्होंने फिल्म बनायी- राजा हरिश्चंद्र। 3 मई 1913 को इसे मुंबई के कोरोनेशन सिनेमा में प्रदर्शित किया गया। हिन्दुस्तान की पहली फीचर फिल्म थी। इसके साथ ही फिल्मी दुनिया में महिलाओं को लाने का श्रेय भी दादा साहब फाल्के को ही जाता है। दुर्गाबाई कामत भारतीय सिनेमा की पहली महिला अभिनेत्री हैं, जिन्हें दादा साहब फाल्के ने अपनी दूसरी फिल्म मोहिनी भस्मासुर में काम करने का मौका मिला। राजा हरिश्चंद्र से शुरू हुआ उनका करिअर 19 वर्षों तक चला। इस दौरान उन्होंने 95 फिल्में और 26 शॉर्ट फिल्में बनायीं। भारतीय सिनेमा में उनके उल्लेखनीय योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने 1969 से 'दादा साहब फाल्के अवॉर्ड' देना शुरू किया। इसे भारतीय सिनेमा का सर्वाधिक प्रतिष्ठित सम्मान माना जाता है। यह पुरस्कार सबसे पहले देविका रानी को मिला।
 
तानाशाह का खात्माः 30 अप्रैल 1945, दुनिया के सबसे क्रूर तानाशाह अडोल्फ हिटलर के खात्मे की तारीख है। इसी दिन बर्लिन में सोवियत की सेनाओं से घिर जाने के बाद जमीन के 50 फुट नीचे एक बंकर में अपनी प्रेमिका इवा ब्राउन के साथ इस तानाशाह ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली।
 
अन्य अहम घटनाएंः
 
1598- अमेरिका में पहली बार थियेटर का आयोजन।
 
1789- जॉर्ज वॉशिंगटन सर्वसम्मति से अमेरिका के पहले राष्ट्रपति चुने गए।
 
1908- खुदीराम बोस और प्रफुल्ल चाकी ने मुजफ्फरपुर में किंग्सफोर्ट के मजिस्ट्रेट की हत्या के इरादे से बम फेंका लेकिन दो निर्दोष लोग इसकी चपेट में आ गए।
 
1973- अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने राष्ट्रपति होने के नाते वाटरगेट कांड की जिम्मेदारी ली।
 
1991- बांग्लादेश में भीषण चक्रवाती तूफान में सवा लाख से अधिक लोगों की मौत, 90 लाख लोग बेघर।
 
1993- जर्मनी के हैम्बर्ग शहर में एक मैच के दौरान उस वक्त की दुनिया की नंबर एक टेनिस खिलाड़ी मोनिका सेलेस को एक हमलावर ने छुरा मारकर घायल कर दिया।

Posted On:Thursday, April 29, 2021


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