उड़ीसा के पुरी शहर में रथयात्रा का पावन पर्व अत्यंत भव्यता और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। हर वर्ष की तरह इस बार भी जगन्नाथ रथयात्रा के ऐतिहासिक आयोजन में देशभर से लाखों श्रद्धालु शामिल होने पहुंचे हैं। यह पर्व केवल धार्मिक नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक उत्सव भी बन चुका है, जिसमें आस्था, सेवा और सामाजिक सहभागिता का संगम देखने को मिलता है।
इस बार की रथयात्रा में एक विशेष क्षण तब जुड़ गया जब भारत के प्रमुख उद्योगपति गौतम अडाणी ने अपनी पत्नी डॉ. प्रीति अडाणी और बेटे करण अडाणी के साथ श्रीजगन्नाथ जी के दर्शन किए। 28 जून को अडाणी परिवार ने रथयात्रा महोत्सव में भाग लिया और भगवान जगन्नाथ के रथों के समक्ष श्रद्धा से नतमस्तक हुए।
प्रसाद सेवा में अडाणी ग्रुप की बड़ी भूमिका
पुरी रथयात्रा के इस भव्य आयोजन में अडाणी समूह का विशेष योगदान भी देखने को मिल रहा है। अडाणी ग्रुप द्वारा इस नौ दिवसीय महोत्सव में प्रसाद सेवा का संचालन किया जा रहा है, जिसके तहत अनुमानतः 40 लाख श्रद्धालुओं को भोजन उपलब्ध करवाया जाएगा। यह सेवा पुरी की स्थानीय संस्थाओं के सहयोग से की जा रही है, जिसमें भक्तों के लिए शुद्ध, सात्विक और पौष्टिक भोजन की व्यवस्था की गई है।
गौतम अडाणी ने इस आयोजन के बारे में कहा, “महाप्रभु श्रीजगन्नाथ जी की दिव्य रथयात्रा के दर्शन का सौभाग्य पाकर मैं धन्य हुआ हूं। इस सेवा में भाग लेना हम सभी के लिए गर्व की बात है।”
पुरी बीच पर तैनात लाइफगार्ड्स से मुलाकात
गौतम अडाणी ने अपने पुरी दौरे के दौरान धार्मिक श्रद्धा के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता और मानव सेवा की मिसाल भी पेश की। उन्होंने पुरी बीच पर तैनात लाइफगार्ड्स से मुलाकात की और उनके कार्य की सराहना की।
अडाणी ने एक लाइफगार्ड से बातचीत करते हुए पूछा कि वे किस प्रकार समुद्र किनारे लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। लाइफगार्ड्स ने बताया कि वे दिन-रात पर्यटकों और श्रद्धालुओं की निगरानी करते हैं ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। इस पर गौतम अडाणी ने कहा, “आप लोग वाकई में जीवनदायी कार्य कर रहे हैं। आप न केवल सेवा कर रहे हैं, बल्कि अनगिनत लोगों की जान बचा रहे हैं। आप सबको मेरा नमन।”
इसके बाद अडाणी परिवार ने वहां मौजूद सभी लाइफगार्ड्स के साथ मिलकर फोटो खिंचवाई और उनके प्रयासों के लिए उन्हें धन्यवाद कहा।
अडाणी परिवार की आध्यात्मिक यात्रा
गौतम अडाणी और उनकी पत्नी प्रीति अडाणी लंबे समय से समाज सेवा और धार्मिक आयोजनों में भाग लेते आए हैं। डॉ. प्रीति अडाणी ‘अडाणी फाउंडेशन’ की चेयरपर्सन हैं, जो शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में सेवा कार्य करती है। करण अडाणी भी समूह की भावी योजनाओं में सामाजिक दायित्व को महत्व देते हैं।
पुरी में उनका यह दौरा केवल एक धार्मिक उपस्थिति नहीं थी, बल्कि उन्होंने प्रत्यक्ष रूप से सेवा, समर्थन और संवाद के माध्यम से उस भावना को आगे बढ़ाया, जो रथयात्रा का मूल उद्देश्य है – सबके लिए सेवा और सबके साथ एकता।
पुरी रथयात्रा की महिमा
हर वर्ष आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को मनाई जाने वाली रथयात्रा श्रीजगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के मंदिर से बाहर निकल कर उनके रथों में बैठकर गुंडिचा मंदिर तक जाने की परंपरा है। लाखों श्रद्धालु इन रथों को खींचने के लिए उमड़ते हैं क्योंकि मान्यता है कि भगवान का रथ खींचना पुण्यकारी होता है।
इस रथयात्रा के दौरान भोजन, जल सेवा, चिकित्सा सहायता, सफाई और सुरक्षा जैसे कई बड़े प्रबंधन कार्य होते हैं, जिसमें सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ कई निजी संगठन भी योगदान देते हैं। अडाणी ग्रुप का इस बार प्रसाद सेवा में जुड़ना एक सकारात्मक उदाहरण है कि कैसे निजी क्षेत्र धार्मिक और सामाजिक आयोजनों में जिम्मेदारी निभा सकता है।
निष्कर्ष
पुरी रथयात्रा केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की विविधता और समर्पण का प्रतीक है। गौतम अडाणी जैसे प्रमुख व्यक्तित्व की इसमें सहभागिता, सेवा और सामाजिक सरोकारों को बल देती है। अडाणी ग्रुप द्वारा प्रसाद सेवा और गौतम अडाणी की लाइफगार्ड्स से मुलाकात इस बात का संकेत है कि भारत के कॉर्पोरेट जगत के बड़े नाम भी अब आध्यात्मिक और सामाजिक जिम्मेदारी निभाने की दिशा में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।