अनु सिंह चौधरी, जो स्कूप, आर्या, एक्लिप्स, ग्रहण, द गुड गर्ल शो और मिसेज जैसी चर्चित शोज़ और मूवीज में अपनी प्रभावशाली लिखाई के लिएजानी जाती हैं, और स्क्रीनराइटर्स को सशक्त बनाने के लिए एक लंबे समय से प्रयास कर रही हैं। हाल ही में एक मीडिया इंटरएक्शन में उन्होंने कहाकी स्क्रीनराइटर्स का एक-जुट होना ही उनके सशक्तिकरण की कुंजी हैं, खासकर ऐसी इंडस्ट्री में जहाँ लेखकों को अक्सर नजरअंदाज किया जाता है।
चौधरी का मानना है कि स्क्रीनराइटर्स के लिए हालात तभी बदलेंगे जब लेखक एकजुट होंगे और सक्रिय रूप से अपनी दिशा बदलने में भाग लेंगे।"सबसे जरूरी चीज हैं एक-जुट होना, राइटर की जो कम्युनिटी है, क्रिएटर्स की जो कम्युनिटी हैं, उनमे एकता बहुत जरूरी हैं, सभी के आपस में बातचितकरते रहना बहुत जरूरी है, उनका एक दूसरे के काम को सेलिब्रेट करना जरूरी है, चाहे दुनिया करे ना करे, और ये सब चीजे सबसे पहले कम्युनिटी सेआती है, और हमारे पास एक बहुत ही स्ट्रांग ट्रेड-यूनियन बॉडी हैं, जिसे हम स्क्रीनराइटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SWA) के रूप में जानते हैं."
अनु, जो अपनी साहसी कहानी कहने के लिए जानी जाती हैं, यह भी स्वीकार करती हैं कि कई लेखक जो मनोरंजन उद्योग में संघर्ष कर रहे हैं, उनकासंघर्ष वास्तविक है। "अगर किसी लेखक को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है या उनका उत्पीड़न किया जा रहा है, तो समुदाय को बिना डरऔर संकोच के इस मुद्दे को उठाना चाहिए, और इसमें SWA बहुत अच्छा काम कर रही है" अनु ने कहा।
उन्होंने SWA के प्रयासों की सराहना की, जो यह सुनिश्चित करता है कि लेखकों की आवाज़ सुनी जाए और उनके अधिकारों की सुरक्षा की जाए, एकऐसे इंडस्ट्री में जहां स्थिति अक्सर अनिश्चित रहती है। अनु SWA को एक ऐसा मंच मानती हैं, जहाँ लेखकों को अपनी शिकायतें उठाने और समाधानकी दिशा में कदम बढ़ाने का अवसर मिलता है।
हालाँकि, अनु यह भी मानती हैं कि लेखकों को एकजुट करना कठिन है, क्योंकि पेशेवर चुनौतियाँ हमेशा बनी रहती हैं। "यह कहना आसान है, करनानहीं," उन्होंने स्वीकार किया। "हम सभी के पास अपनी-अपनी डर और असुरक्षाएँ हैं, और ये अपनी जगह पर सही भी हैं।" उन्होंने बाजार की मंदी औरकाम के अभाव की बात की, जिससे लेखकों को हर समय अनिश्चितता का सामना करना पड़ता है। फिर भी, उन्होंने बताया कि SWA ने लेखकों केलिए महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय किए हैं, जैसे कि न्यूनतम वेतन का नियम, जिससे लेखकों को कुछ राहत मिलती है।
अनु लेखकों से यह भी अपील करती हैं कि वे सक्रिय रूप से अपने अनुभव शेयर करें और एकजुट होकर इस इंडस्ट्री को बेहतर बनाने की दिशा में कामकरें। "लेखकों को SWA के जरिए अपनी समुदाय की ताकत को अपनाना चाहिए," उन्होंने कहा। वह मानती हैं कि लेखकों को खुले तौर परएक-दूसरे से संवाद करना चाहिए, अपने अनुभवों को साझा करना चाहिए और निर्माताओं के साथ काम करने के बारे में रेड फ्लैग्स और ग्रीन फ्लैग्स परचर्चा करनी चाहिए। उनके लिए, स्क्रीनराइटर्स के लिए स्थिति बदलने की कुंजी एकता में है और एक साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्धता मेंहै।