22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक भयंकर आतंकी हमला हुआ, जिसमें 26 पर्यटकों की जान चली गई। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया और हर भारतीय की संवेदनाओं को आहत किया। इस कायरतापूर्ण हमले के बाद भारत सरकार ने तुरंत जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया। इसके तहत भारतीय सेना ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाए और कई आतंकियों को ठिकाने लगाया।
जासूसी के आरोप में बड़ी गिरफ्तारी का सिलसिला
पहलागाम हमले के बाद देश के अंदर सुरक्षा और गुप्तचर तंत्र को और भी मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए गए। इसी कड़ी में 8 मई से शुरू हुआ एक नया अभियान जिसके तहत हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाकों से पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले कुल 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
इस अभियान की शुरुआत 8 मई से हुई, और 11 दिनों के भीतर यह गिरफ्तारी हुई। इसमें एक महिला भी शामिल है।
मुरादाबाद से शहजाद की गिरफ्तारी
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से गिरफ्तार शहजाद नामक आरोपी पर आरोप है कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर काम करता था। एटीएस की जांच में पता चला कि शहजाद आईएसआई के कई हैंडलर्स के संपर्क में था और उन्हें गोपनीय सूचनाएं भेजता था।
रामपुर के टांडा इलाके का रहने वाला शहजाद कई वर्षों से सीमा पार से अवैध सामान जैसे कॉस्मेटिक्स, कपड़े और मसाले लाता था। यह आड़ लेकर वह आईएसआई के लिए जासूसी करता था और पैसों का आदान-प्रदान भी करता था। उसकी गिरफ्तारी ने जासूसी के इस जाल को भेदने में मदद की है।
पंजाब से दो आरोपी: गजाला और यमीन मोहम्मद
पंजाब के मलेरकोटला पुलिस ने गजाला और यमीन मोहम्मद को पाकिस्तान की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया। पुलिस की जांच में पता चला कि दोनों के संपर्क में एक व्यक्ति था, दानिश, जो पाकिस्तान हाई कमिशन में कार्यरत था।
दानिश द्वारा उन्हें पाकिस्तान का वीजा दिलवाया जाता था और ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर भी किए जाते थे। यह गिरफ्तारी पाकिस्तान की जासूसी नेटवर्क को कमजोर करने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
हरियाणा से नोमान इलाही की गिरफ्तारी
14 मई को हरियाणा के पानीपत से नोमान इलाही नामक युवक को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया। नोमान कैराना गांव का रहने वाला था और पानीपत में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था।
जांच में पता चला कि नोमान पाकिस्तान के कुछ लोगों के संपर्क में था और उन्हें संवेदनशील सूचनाएं देता था। पुलिस ने उससे जुड़े सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी जब्त कर लिए हैं। नोमान से गहन पूछताछ जारी है।
कैथल से देवेंद्र सिंह की गिरफ्तारी
नोमान इलाही के बाद हरियाणा के कैथल जिले से 25 वर्षीय देवेंद्र सिंह को भी पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। देवेंद्र ने कबूल किया कि वह भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तान भेजता था।
उसने बताया कि धार्मिक स्थलों करतारपुर साहिब, ननकाना साहिब, लाहौर और पंजाब साहिब की यात्रा के दौरान आईएसआई एजेंट्स से संपर्क में आया। इससे स्पष्ट होता है कि धार्मिक आड़ में भी जासूसी का नेटवर्क सक्रिय है।
हिसार पुलिस ने यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को भी पकड़ा
हरियाणा की हिसार पुलिस ने पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को गिरफ्तार किया। ज्योति का एक ट्रैवल चैनल है और वह पाकिस्तान भी गई थी। आरोप है कि वह पाकिस्तान हाई कमीशन के एक अधिकारी दानिश से संपर्क में थी और उसे खुफिया जानकारी साझा करती थी।
पुलिस ने उसके लैपटॉप और मोबाइल से संदिग्ध सामग्री बरामद की है। ज्योति से पांच दिन की रिमांड पर पूछताछ जारी है।
नूंह से अरमान की गिरफ्तारी
हरियाणा पुलिस ने नूंह जिले के थाना नगीना क्षेत्र के गांव राजाका से अरमान को गिरफ्तार किया। आरोप है कि अरमान व्हाट्सएप के जरिए भारत की सैन्य गतिविधियों की जानकारी पाकिस्तान को भेजता था।
अरमान पुत्र जमील की पहचान की गई है और उसकी भी गहन जांच जारी है।
जासूसी के मामले की गंभीरता और सुरक्षा एजेंसियों की भूमिका
पिछले कुछ वर्षों में भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव के बीच जासूसी और आतंकवाद का खतरा लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है।
भारत सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा कड़ी कर दी है और किसी भी तरह के खतरे का समय रहते मुकाबला करने के लिए एटीएस, सीबीआई और पुलिस जैसे एजेंसियों को सक्रिय किया है।
इन एजेंसियों की सतत मेहनत से न केवल आतंकवाद को जड़ से खत्म करने में मदद मिली है, बल्कि पाकिस्तान के जासूसी नेटवर्क को भी प्रभावी रूप से तोड़ा जा रहा है।
निष्कर्ष
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इस घटना के बाद भारत सरकार की सुरक्षा एजेंसियों ने सक्रियता दिखाते हुए न केवल आतंकवादियों को निशाना बनाया, बल्कि पाकिस्तान के लिए काम करने वाले जासूसों को भी गिरफ्तार किया।
हरियाणा, पंजाब और यूपी से पकड़े गए ये आरोपी देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा थे। उनकी गिरफ्तारी से यह संदेश गया है कि भारत अपनी सीमाओं और सुरक्षा के मामले में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं करेगा।
यह कार्रवाई न केवल आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम है, बल्कि जासूसी के नेटवर्क को तोड़ने और देश की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण सफलता है।