बनारस न्यूज डेस्क: बीएचयू के तेलुगु विभाग में बड़ा विवाद खड़ा हो गया है, जहां विभागाध्यक्ष प्रो. सीएस रामाचंद्र मूर्ति पर हमले की सुपारी देने के आरोप में पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. बूटादी वेंकटेश्वर लू को निलंबित करने की तैयारी चल रही है। विश्वविद्यालय ने निलंबन के कागजात तैयार कर लिए हैं और गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर कार्रवाई की जाएगी। नियमों के तहत प्रो. लू के दोनों शोधार्थियों का मार्गदर्शन अब घायल विभागाध्यक्ष प्रो. मूर्ति के पास आ जाएगा, जिससे विभाग में केवल एक शिक्षक बचेंगे, वह भी उपचाराधीन हैं।
यह स्थिति तेलुगु विभाग के लिए संकटपूर्ण है क्योंकि विभाग में कुल 50 छात्र-छात्राएं हैं और आने वाले महीनों में शोध कार्य, पढ़ाई और कक्षाओं पर असर पड़ना तय है। प्रो. मूर्ति को पूरी तरह ठीक होने में दो महीने से अधिक समय लग सकता है। विश्वविद्यालय को अब इस शैक्षणिक संकट का समाधान खोजना होगा।
घटना 28 जुलाई को हुई थी, जब कैंपस में एलडी गेस्ट हाउस के पास प्रो. मूर्ति पर बाइक सवार हमलावरों ने लोहे की रॉड से हमला किया, जिससे उनके दोनों हाथ टूट गए। इस मामले में अब तक प्रो. लू के पूर्व शोध छात्र बी. भास्कर और प्रयागराज निवासी हमलावर प्रमोद पासी को गिरफ्तार किया गया है, जबकि बाकी आरोपी फरार हैं। पुलिस वाराणसी और तेलंगाना में दबिश दे रही है।
प्रो. लू पर लगे आरोपों से शैक्षणिक जगत हैरान है। 32 पन्नों की सीवी, 120 से ज्यादा पीएचडी थीसिस गाइड करने और यूपीएससी व अन्य परीक्षाओं के प्रश्न तैयार करने जैसे बड़े योगदान के बावजूद, उनके खिलाफ ऐसी गंभीर साजिश के आरोप लगना सबके लिए चौंकाने वाला है। कई प्रोफेसर इस मामले पर बोलने से भी बच रहे हैं, क्योंकि यह बीएचयू के गौरवशाली इतिहास पर धब्बा माना जा रहा है।