बनारस न्यूज डेस्क: वाराणसी में कमच्छा तिराहे के पास एक सनसनीखेज घटना में बदमाशों ने आभूषण फर्म के कर्मचारी दीपक सोनी और उनके बेटे आर्यन को गोली मारकर 131 ग्राम सोने का हार लूट लिया। घटना रविवार सुबह करीब 3:45 बजे हुई, जब दीपक और उनका बेटा मुंबई से महानगरी एक्सप्रेस ट्रेन से लौटकर घर जा रहे थे। सफेद रंग की कार में सवार बदमाशों ने तिराहे पर उन पर हमला कर दिया। गोली लगने के बाद दीपक को बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया, जहां से सोमवार को उन्हें छुट्टी दे दी गई। वहीं, आर्यन अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं।
इस वारदात के बाद पुलिस ने दीपक के पांच करीबी परिचितों को हिरासत में लिया है, जो उनकी गतिविधियों से अच्छी तरह वाकिफ थे। ये लोग खोजवां, अर्दली बाजार, टकटकपुर और चौक क्षेत्रों के रहने वाले हैं। पुलिस उनसे पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि बदमाशों को सटीक जानकारी किसने दी। डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल के अनुसार, यह स्पष्ट है कि वारदात को अंजाम देने के लिए करीबी व्यक्ति ने मुखबिरी की थी।
दीपक सोनी नई बाजार, खोजवां के निवासी हैं और मुंबई स्थित राजकपूर गुप्ता की आभूषण फर्म के लिए काम करते हैं। वह बनारस के आभूषण व्यापारियों के ऑर्डर पर मुंबई से खास डिजाइन के गहने लाते थे। पुलिस का मानना है कि जो भी व्यक्ति इस घटना में शामिल था, उसे दीपक के आने-जाने और उनके पास जेवर होने की पूरी जानकारी थी। दीपक हफ्ते में दो बार मुंबई का चक्कर लगाते थे और हर बार बड़ी मात्रा में जेवर लाते थे।
बदमाश वारदात को अंजाम देने के बाद भेलूपुर, लंका से होते हुए रामनगर और टेंगरा मोड़ के रास्ते हाईवे की ओर बढ़ गए। पुलिस को कोहरे के कारण सीसीटीवी फुटेज में ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई, जिससे बदमाशों का पता लगाना मुश्किल हो गया है। कार का नंबर भी फर्जी निकला, जिससे जांच और पेचीदा हो गई। पुलिस अब सर्विलांस और फुटेज खंगालकर सुराग जुटाने में लगी है।
पुलिस अधिकारी इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और कई पहलुओं पर जांच कर रहे हैं। सर्विलांस, सीसीटीवी फुटेज और हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ जारी है। पुलिस को उम्मीद है कि मुखबिरी करने वाले और वारदात में शामिल बदमाशों की पहचान जल्द ही हो जाएगी। घटना ने वाराणसी में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।