बनारस न्यूज डेस्क: सुभाष ठाकुर उर्फ बाबा, जो पिछले पांच सालों से बीएचयू स्थित सर सुंदरलाल हॉस्पिटल में भर्ती था, आखिरकार जेल भेज दिया गया। सुभाष ठाकुर ने बिमारी का नाटक करते हुए अस्पताल में इलाज करवा लिया था और इस दौरान वह डॉक्टरों पर दबाव डालकर रौब झाड़ता था। पुलिस ने अस्पताल में भर्ती होने के बाद उसकी जांच करवायी और चिकित्सकों के पैनल से रिपोर्ट आने के बाद यह साबित हुआ कि वह पूरी तरह से स्वस्थ है। इसके बाद उसे कड़ी सुरक्षा में फतेहगढ़ सेंट्रल जेल शिफ्ट किया गया।
सुभाष ठाकुर 1992 के मुंबई के जेजे हत्याकांड का दोषी है और उसे आजीवन कारावास की सजा मिली थी। 2019 में उसने अपनी बीमारी का हवाला देते हुए बीएचयू हॉस्पिटल में भर्ती होने की कोशिश की थी और तब से वह वहीं रह रहा था। हालांकि, पुलिस और अस्पताल प्रशासन की तमाम कोशिशों के बावजूद वह खुद को बीमार बताकर अस्पताल में समय बिता रहा था और डॉक्टरों और स्टाफ पर दबाव बना रहा था।
सुभाष ठाकुर का इतिहास बेहद विवादित रहा है। वह वाराणसी के नेवादा का निवासी है और 1990 के दशक में मुंबई पहुंचा था, जहां उसकी गैंग में दाऊद इब्राहिम भी शामिल हुआ था। हालांकि 1993 के मुंबई सीरियल बम ब्लास्ट के बाद वह दाऊद से अलग हो गया था। उसे दाऊद का गुरु भी कहा जाता है और दोनों के बीच आज भी दुश्मनी चल रही है।
सुभाष ठाकुर को अस्पताल से जेल शिफ्ट करना आसान नहीं था। बार-बार उसने अपनी बीमारी का हवाला देकर खुद को अस्वस्थ बताया और डॉक्टरों पर दबाव डालता रहा। इस कारण जेल प्रशासन और पुलिस को कड़ी मेहनत करनी पड़ी। अंत में डीजी जेल पीवी रामशास्त्री ने इस मामले को गंभीरता से लिया और पुलिस कमिश्नर को सुभाष का स्वास्थ्य परीक्षण करवाने की सलाह दी। 12 डॉक्टरों के पैनल से उसकी पूरी जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ कि वह पूरी तरह से स्वस्थ है।
पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने बताया कि सुभाष ठाकुर एक सजायाफ्ता अपराधी है और अब उसे फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। जेल प्रशासन और पुलिस अब सुनिश्चित करेंगे कि सुभाष ठाकुर को उसके असली स्थान पर रखा जाए और उसे जेल की सख्त निगरानी में रखा जाए।