वाराणसी। आज के समय में ज्यादातर लोग 50-60 की उम्र पार करते ही थकान कमजोरी महसूस करने लगते है और न जाने कितनी बीमारियों से ग्रिसित हो जाते है। वहीं दूसरी ओर 103 साल की बुजुर्ग कलावती है जो जिनके हाथ-पैर कांपते जरूर हैं लेकिन उनके मन में दौड़ने की लगन पक्की है। उम्र के इस पड़ाव पर आकर भी उनका हौसला बुलंद है और मन में कुछ कर गुजरने की ख्वाहिश है, बूढ़ी अम्मा कलावती का ये जब्जा सभी के लिए प्रेरणादायक है। आइए जानते है कि ये 103 वर्षीय बुजुर्ग कौन है...
नरेंद्र मोदी से इंस्पायर है
कलावती वाराणसी के परमानंदपुर की निवासी 103 साल की कलावती, काशी सांसद खेल प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगी। उन्होंने शुक्रवार को अपना रजिस्ट्रेशन कराया है और 100 मीटर की दौड़ लगाएंगी। वो पूरी तरह से चुस्त दुरुस्त हैं। उनके चेहरे पर उत्साह की चमक ऐसी कि नौजवानों को भी पीछे छोड़ दें। कलावती कुछ अपने भतीजे तो कुछ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे जो खेलेगा वही खिलेगा से भी खासा प्रभावित हुईं है, उनका कहना है कि वह प्रधानमंत्री की खेलेगा भारत तो खिलेगा भारत की नीति से प्रभावित होकर सांसद खेल प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही हैं। वो चाहती है कि अधिक से अधिक लोग इस प्रतियोगिता में हिस्सा लें ताकि भारत खेलों में भी सुपर पावर बन सके।
खेल इंसान को हर उम्र में जवां रखता है
कलावती का मानना है कि खेल इंसान को हर उम्र में जवां रखता है। प्रतिदिन अगर आप मैदान में पसीना बहाएंगे तो आप हमेशा सेहतमंद रहेंगे। कलावती की शादी 10 साल की उम्र में हो गई थी। संतान न होने कारण पति ने जब उनका साथ छोड़ दिया तो वह मायके आकर यहीं रहने लगीं। वह अपने भतीजे डॉ. अशोक कुमार सिंह के परिवार के साथ रह रही हैं। कलावती पहलवान परिवार से हैं, इसलिए अपनी सेहत को लेकर काफी एक्टिव हैं। उनके तीन भाई हैं, जो कि पहलवान है। कलावती हर रोज एक घंटा लगताी है दौड़ कलावती बिना घड़ी देखे, बिना किसी अलार्म के ठीक सुबह पांच बजे उठ जाती हैं और एक घंटा दौड़ लगाती हैं। अशोक कुमार की पत्नी आशा उनके खाने पीने का ख्याल रखती हैं। उनके भतीजे उन्हें प्रतियोगिता के लिए पूरी तरह ट्रेनिंग दे रहे हैं।