बनारस न्यूज डेस्क: वाराणसी में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय एक बार फिर विवादों में आ गए हैं। सावन शुरू होने से पहले उन्होंने शहर की खस्ताहाल सड़कों को लेकर विरोध जताते हुए सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया। गड्ढों और सीवर से भरी सड़कों को दिखाकर उन्होंने प्रशासन की पोल खोलने की कोशिश की। लेकिन इस प्रदर्शन के चलते अजय राय समेत 10 लोगों पर कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
एफआईआर में यह आरोप है कि उनके प्रदर्शन से जाम की स्थिति बन गई, जिससे एंबुलेंस भी फंस गई। यह मामला सिगरा थाने में दर्ज हुआ है और विद्यापीठ चौकी इंचार्ज की तरफ से कराया गया है। इसमें बीएनएस की धारा 285, 326(2), 126(2) और 191(2) के तहत केस दर्ज किया गया है। एफआईआर में अजय राय के अलावा कांग्रेस के जिला स्तर के कई प्रमुख नेताओं के नाम भी शामिल हैं।
इस कार्रवाई को लेकर अजय राय ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सड़कों की बदहाली को दिखाना तानाशाही माना जा रहा है और आवाज को दबाने के लिए मुकदमे किए जा रहे हैं। उन्होंने केंद्र और प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि पीएमओ के इशारे पर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। साथ ही काशीवासियों से अपील की कि प्रशासन पर न छोड़ें, खुद कांवड़ियों की मदद करें ताकि शहर की गरिमा बनी रहे।
अजय राय ने यह भी कहा कि शिविरों में न बिजली है, न पानी, और सड़कों की हालत बदतर है। चितरंजन पार्क से गोदौलिया तक हर जगह कांवड़ियों को परेशानी हो रही है। लेकिन प्रशासन सिर्फ कागजों में काम दिखा रहा है। उनके मुताबिक, सरकार सच्चाई दिखाने से डर रही है और झूठे मुकदमों का सहारा ले रही है।