बनारस न्यूज डेस्क: वाराणसी में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और खतरे के निशान (71.26 मीटर) के करीब पहुंच गया है। बुधवार शाम 6 बजे जलस्तर 70.66 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरा बिंदु से सिर्फ 60 सेंटीमीटर कम है। आयोग का पूर्वानुमान है कि अगले 48 घंटों में जलस्तर में और वृद्धि हो सकती है, और अगर यही रफ्तार रही तो गुरुवार रात तक गंगा खतरे के निशान को पार कर सकती है।
गंगा के बढ़ते जलस्तर से घाटों और निचले इलाकों में रहने वाले लोग प्रभावित हैं। मणिकर्णिका घाट पर शवदाह के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है, वहीं हरिश्चंद्र घाट में गलियों तक शवदाह हो रहा है। दशाश्वमेध घाट पर शीतला मंदिर की छत तक पानी पहुंच चुका है और अस्सी घाट पर सड़क से तीन सीढ़ी नीचे पानी आ गया है। गंगामहल, रीवां, तुलसी, भदैनी, जानकी, आनंदमयी, जैन, निषादराज, प्रभु, चेतसिंह, महानिर्वाणी, शिवाला, हनुमान, केदार, चौकी, मानसरोवर, पांडेय, चौसट्टी और सिंधिया घाटों का संपर्क फिलहाल कट गया है।
वरुणा नदी का पलट प्रवाह भी आबादी की ओर बढ़ गया है। पुरानापुल इलाके के लगभग चार दर्जन घरों में पानी घुस गया है, जिससे लोग बाढ़ राहत शिविरों या रिश्तेदारों के यहां शरण लेने को मजबूर हैं। जिला प्रशासन ने राहत शिविरों को सक्रिय कर दिया है और प्रभावित लोगों को आवश्यक मदद पहुंचाई जा रही है।