बनारस न्यूज डेस्क: वाराणसी समेत प्रदेश के 5 जिलों में अत्याधुनिक माइक्रोबायलॉजी लैब की स्थापना की जाएगी। इन लैब में खाद्य और औषधि पदार्थों की गुणवत्ता की वैज्ञानिक जांच होगी। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की विशेष सचिव रेखा सिंह चौहान ने बताया कि वाराणसी में निर्मित माइक्रोबायलॉजी लैब का कार्य पूरा हो चुका है और इसका संचालन 31 मई से शुरू कर दिया जाएगा।
पूर्वांचल के लिए मील का पत्थर:
यह लैब पूर्वांचल के लिए एक बड़ा कदम है, क्योंकि अब इस क्षेत्र के लोगों को बैक्टीरिया, वायरस, फंगस और सूक्ष्म पैथोजन्स से जुड़ी जांच के लिए दूसरे शहरों या राज्यों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
अन्य जिलों में भी शुरू होगा काम:
रेखा सिंह चौहान ने बताया कि कानपुर, मिर्जापुर, बरेली और अलीगढ़ में भी ऐसी ही माइक्रोबायलॉजी लैब की स्थापना के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण द्वारा बजट स्वीकृत कर दिया गया है। टेंडर प्रक्रिया जारी है और निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा। विभाग का लक्ष्य है कि मार्च 2026 तक इन सभी जिलों में लैब पूरी तरह से क्रियाशील हो जाएं।
स्थानीय स्तर पर जांच की सुविधा:
इन प्रयोगशालाओं के माध्यम से अब प्रदेश में ही स्थानीय स्तर पर फलों, सब्जियों, दूध, दही, पनीर, मसालों और अन्य खाद्य पदार्थों में मौजूद बैक्टीरिया, वायरस, माइक्रोटॉक्सिन्स और फंगस की वैज्ञानिक जांच हो सकेगी। साथ ही औषधियों की शुद्धता और प्रभावशीलता की भी जांच इन्हीं लैब में की जा सकेगी।