वाराणसी। बीते शनिवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के सर सुंदरलाल अस्पताल परिसर में फेंकी गई नवजात के मामले में मेडिकल ऑफिसर की तहरीर पर लंका थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।
इस मामले में लंका प्रभारी निरीक्षक अश्वनी पांडेय ने बताया कि अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 317 में प्राथमिकी दर्ज कर सीसीटीवी फुटेज खंगालने की कार्रवाई की जा रही है। बता दें कि शनिवार को अस्पताल के बाल रोग विभाग के सामने बने टीनशेड के नीचे कुर्सी पर चार कपड़ों में लिपटी बच्ची मिली थी। बच्ची की रोने की आवाज सुनकर सफाईकर्मी शहनवाज ने उसे गले लगाया और खरीदकर दूध पिलाया, जिसके बाद बाल रोग विभाग के डॉक्टरों ने बच्ची को दुलारा और फिर इलाज शुरु कर दिया था।
वहीं घटना की सूचना मिलने के बाद प्रॉक्टोरियल बोर्ड भी मौके पर पहुंची थी और घटना से लंका पुलिस को अवगत करवाया था। महिला दरोगा और एक महिला कांस्टेबल मौके पर पहुंचकर बच्ची के मां-बाप की तलाश की लेकिन कोई आगे नहीं आया। फिलहाल लावारिस मिली बच्ची को पीडियाट्रिक इंसेंटिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) में भर्ती करवाया गया है। बच्ची की हालत में पहले से सुधार है। बच्ची को पीलिया और निमोनिया की शिकायत है। अभी चार दिन उसका इलाज चलेगा।
रविवार सुबह से शाम तक प्रॉक्टोरियल बोर्ड और पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगालने में जुटी रही, जहां बच्ची फेंकी गई थी वहां सीसीटीवी कैमरे नहीं है। अब बीएचयू गेट सहित बाहर के सीसीटीवी फुटेज खंगाला जायेगा, दावा किया जा रहा है की जल्द ही बच्ची को लावारिस छोड़ने वालों की पहचान कर ली जायेगी।