बनारस न्यूज डेस्क: वाराणसी में भारी बारिश के चलते गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और इससे घाटों के आसपास के इलाकों में खतरे के संकेत मिलने लगे हैं। केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के मुताबिक मंगलवार को नदी का जलस्तर 68.94 मीटर तक पहुँच गया, जो प्रति घंटे लगभग 9 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है। बढ़ता जलस्तर घाट किनारे बसे इलाकों और दुकानदारों की रोज़मर्रा की जिंदगी पर असर डाल रहा है।
नमो घाट का प्रमुख स्कल्पचर पानी में डूब गया है, वहीं शीतला घाट मंदिर में जल प्रवेश की वजह से पूजा व्यवस्था प्रभावित हुई है। मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट के निचले हिस्से जलमग्न हो चुके हैं, जिससे शवदाह की परंपरागत प्रक्रिया भी बाधित हो रही है। स्थानीय लोग अब गलियों में अंतिम संस्कार करने को मजबूर हैं, क्योंकि पारंपरिक घाटों पर जल स्तर अधिक है।
गंगा के लिए चेतावनी और खतरे के बिंदु क्रमशः 70.262 और 71.263 मीटर निर्धारित हैं, जबकि अधिकतम सीमा 73.90 मीटर है। विशेषज्ञों का कहना है कि जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है, इसलिए आसपास के इलाकों में सतर्कता जरूरी है। फाफामऊ, प्रयागराज और मिर्जापुर जैसे निचले क्षेत्र भी जल स्तर बढ़ने से प्रभावित हो रहे हैं, जिससे वाराणसी पर प्रत्यक्ष दबाव पड़ रहा है।
घाट किनारे लगे करीब 10 हजार स्टॉल्स और दुकानों के लिए स्थिति गंभीर है। फूल-माला, पूजा सामग्री और चाय-नाश्ते की दुकानें पूरी तरह से बंद हो गई हैं। जिन दुकानदारों के पास राशन कार्ड नहीं हैं, उन्हें राहत नहीं मिल पा रही है और उनका रोज़मर्रा का जीवन मुश्किल में पड़ गया है। लोग छोटे स्टॉल लगाकर दिनभर गुज़ारा करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि परिवार का खर्च चल सके।