बनारस न्यूज डेस्क: महाकुंभ और महाशिवरात्रि के मद्देनजर वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर व्यवस्थाओं को लेकर मंगलवार को रेलवे और प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक हुई। इस बैठक में आने वाले 10 से 12 दिनों के लिए कई अहम फैसले लिए गए हैं। मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा ने बताया कि रेलवे और वाराणसी प्रशासन बीते डेढ़ महीने से लगातार समन्वय बनाकर काम कर रहे हैं। शिवरात्रि पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जबकि कुंभ के लिए भी यात्रियों का आवागमन जारी है। ऐसे में रेलवे स्टेशन पर भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष योजनाएं लागू करने पर चर्चा की गई।
बैठक में यात्रियों की सुविधा के लिए कई नए सुझाव सामने आए, जिन्हें 27-28 फरवरी तक लागू किया जाएगा। स्टेशन पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बिहार, अयोध्या और प्रयागराज जाने वाले यात्रियों के लिए अलग-अलग होल्डिंग एरिया बनाए जाएंगे। सड़क से ही यात्रियों को उनके गंतव्य के आधार पर अलग-अलग कर दिया जाएगा, ताकि वे सीधे अपने निर्धारित प्लेटफॉर्म पर पहुंच सकें। इसके अलावा, फुट ओवर ब्रिज पर भीड़ नियंत्रण के लिए एक पुल को चढ़ने और दूसरे को उतरने के लिए निर्धारित किया गया है। ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए कुछ डायवर्जन और पार्किंग स्थान भी चिह्नित किए गए हैं, जिससे यात्रियों और सुरक्षा बलों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
लखनऊ मंडल के नॉर्दर्न रेलवे डीआरएम एसएम शर्मा ने बताया कि प्रयागराज में जो मॉडल लागू किया गया था, वही अब वाराणसी में भी अपनाया जाएगा। इसके लिए कमिश्नर और डीएम के साथ बैठक कर यात्रियों की आवाजाही को व्यवस्थित करने की योजना बनाई गई है। मुख्य उद्देश्य यह है कि यात्रियों को उनके गंतव्य के अनुसार व्यवस्थित किया जाए, ताकि भीड़ को आसानी से नियंत्रित किया जा सके। इससे प्रशासन को भीड़ प्रबंधन में मदद मिलेगी और यात्रियों को भी सफर में सुविधा होगी।
रेलवे प्रशासन को उम्मीद है कि शिवरात्रि और उसके पहले आने वाली भीड़ को पूरी तरह से नियंत्रित किया जा सकेगा। महाकुंभ से लौट रहे श्रद्धालुओं के साथ ही शिवरात्रि पर वाराणसी आने वाले यात्रियों की संख्या को देखते हुए यह नई व्यवस्था लागू की जा रही है। अधिकारियों का मानना है कि इन बदलावों से रेलवे स्टेशन और शहर के ट्रैफिक पर दबाव कम होगा और श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।