वाराणसी । एक पत्रकार से थाना प्रभारी द्वारा दुर्व्यवहार का मामला सामने आया है। जिसके बाद पत्रकारों ने आक्रोशित भाव से उच्चाधिकारियों को इस मामले से अवगत कराया। बताया जा रहा है कि थाना प्रभारी को परिचय बताने के बाद भी पत्रकार से बदसलूकी जारी रही। जानकारी के मुताबिक, नशे में धूत हीरामनपुर निवासी राजगीर सुभाष प्रजापति (45 वर्ष) शुकवार को एक मोबाइल टावर पर चढ़ गया। उसने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अफसरों पर घूस मांगने का आरोप लगाया। सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस और पत्रकार पहुंचे।
सुभाष की बेटी शिखा ने बताया कि पीएम आवास के लिए उसका चयन हुआ है। इसकी पहली किस्त से 50 हजार रुपए का भुगतान हो चुका है। दूसरी किश्त के भुगतान के लिए अधिकारी दस हजार रुपए रिश्वत मांग रहा था। इस खबर को कवरेज करने गए एक पत्रकार वहीं सीढ़ियों पर बैठकर मोबाइल के जरिए खबर बनाने लगे। इसी दौरान सारनाथ थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे और अंग्रेजों के ज़माने की तरह अपना रौब दिखाने लगे। उन्होंने थाना प्रभारी होने के मद में चूर होकर अपना बूट ठोंककर वहां से भाग जाने के लिए कहा। इस दौरान ऋषिकांत ने अपना परिचय दिया, बावजूद इसके उन्होंने दोबारा बूट ठोंककर वहां से जाने के लिए कहा। थाना प्रभारी के पत्रकार संग इस दुर्व्यवहार से पत्रकारों में अत्यंत आक्रोश है। आक्रोशित पत्रकारों ने शनिवार को इस बाबत पुलिस कमिश्नर को मामले से अवगत कराया।
पुलिस कमिश्नर अशोक मुथा जैन ने इस पूरी घटना पर दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि थानाध्यक्ष का कृत्य निंदनीय है। कमिश्नर ने मुहर्रम के मद्देनजर संयम बनाए रखने की अपील की है। प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराकर संबंधित थाना प्रभारी के खिलाफ जल्द ही कार्रवाई का आश्वासन दिया है। अब इस घटना के बाद से पुलिस की प्रशासनिक व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगने शुरू हो गए हैं। पत्रकारों का कहना है कि जब पुलिस का पत्रकारों के खिलाफ इस तरह का रवैया है, तो आम जनता से वे किस तरह से पेश आते होंगे। दूसरी ओर, पीएम आवास योजना में धांधली का यह पहला मामला नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, जिले के कई क्षेत्रों में रिश्वत लेकर लोगों के खातों में पैसे भेजे जा रहे हैं। इस घटनाक्रम में अधिकारी से लेकर पार्षद और ग्राम प्रधान तक का रेट निर्धारित है।