बनारस न्यूज डेस्क: वाराणसी में रिलीज से पहले ही फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' विवादों में घिर गई है। शहर के मुफ्ती और अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के सचिव मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने इस फिल्म के रिलीज पर रोक लगाने की मांग की है। उनका कहना है कि फिल्म में कई आपत्तिजनक और भड़काऊ दृश्य दिखाए गए हैं, जो ना केवल धार्मिक भावनाओं को आहत करते हैं, बल्कि शहर के सांप्रदायिक सौहार्द को भी बिगाड़ सकते हैं। उन्होंने पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल को पत्र लिखकर फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की अपील की है।
मौलाना नोमानी ने विशेष रूप से फिल्म में दिखाए गए ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने के सर्वे और उसके फिल्मांकन पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट और जिला न्यायालय में अभी विचाराधीन है, ऐसे में इस विषय पर फिल्म बनाना न्याय प्रक्रिया और कोर्ट के आदेशों की अवहेलना है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि फिल्म में इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद साहब से जुड़ी आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई हैं, जो धार्मिक उन्माद भड़काने का काम कर सकती हैं।
नोमानी ने फिल्म को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 21 और 25 का उल्लंघन बताते हुए कहा कि यह धार्मिक स्वतंत्रता, समानता और जीवन के अधिकार जैसे मूल अधिकारों का भी अपमान है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि फिल्म की रिलीज जुमा की नमाज और सावन के महीने के शुभ दिन पड़ने के कारण शहर में कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है और साम्प्रदायिक तनाव बढ़ सकता है।
अंत में, शहर मुफ्ती ने प्रशासन से फिल्म पर तुरंत रोक लगाने, इसके निर्माताओं और प्रदर्शकों के खिलाफ कार्रवाई करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष सतर्कता बरतने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन ने समय रहते कदम नहीं उठाए, तो हालात बेकाबू हो सकते हैं। प्रशासन की ओर से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।