वाराणसी। यूपी एसटीएफ की वाराणसी टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी, जब 29 साल से फरार वांछित दो हत्यारोपियों को वाराणसी से गिरफ्तार किया है। एसटीएफ की टीम ने दोनों के पास से एक आधार कार्ड व दस हजार रुपए नगद बरामद किया है। दोनों आरोपियों ने साल 1994 में द्वेष में पड़ोस में रहने वाले एक व्यक्ति के परिवार के पांच सदस्यों की हत्या कर दी थी। तभी से ये दोनों फरार चल रहे थे। मिली जानकारी के अनुसार, दोनों आरोपी जौनपुर के निवासी है और सगे भाई है। वर्ष 1994 में अनिल सरोज व इसका भाई सुनील सरोज मुम्बई के भडवाल चाल पेंकरपाला मीरा रोड भयन्दर में रहते थे। इनके पड़ोस में प्रयागराज (पूर्व में इलाहाबाद) का रहने वाला राज नारायण प्रजापति अपनी पत्नी जगरानी (28 वर्ष), पुत्र प्रमोद (5 वर्ष) चिण्टू (2 वर्ष), पिण्टू (3 माह) एवं पुत्री पिंकी (3 वर्ष) के साथ रहता था। 16 नवम्बर 1994 को अनिल सरोज व सुनील सरोज ने अपने एक साथी के साथ मिलकर राज नारायण प्रजापति की पत्नी व चारों बच्चों की चाकू व चापड़ से मारकर नृसंश हत्या कर दी थी।
इस संबंध में पुलिस ने महाराष्ट्र के काशीमीरा थाने में हत्या समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में पुलिस की जांच में वाराणसी के बड़ागांव थाना क्षेत्र के रहने वाले कालिया चौहान व जौनपुर के रहने वाले अनिल सरोज व सुनील सरोज का नाम सामने आया था। जिसके बाद कालिया चौहान उर्फ अमरनाथ चौहान को महाराष्ट्र पुलिस द्वारा पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इस घटना के बाद से ही अनिल सरोज व सुनील सरोज वर्ष 1994 से ही फरार चल रहे थे, इनके बारे में महाराष्ट्र पुलिस को काई भी सुराग नहीं मिल पा रहा था। दोनों की पकड़ने के लिए पुलिस महाराष्ट्र समेत कई राज्यों व जिलों में दबिश दे रही थी। इसी बीच महाराष्ट्र क्राइम ब्रांच को इनके वाराणसी में छिपे होने की सूचना मिली।
जिसके बाद महाराष्ट्र क्राइम ब्रांच की टीम ने दोनों की गिरफ़्तारी के लिए यूपी एसटीएफ से मदद मांगी थी। एसटीएफ ने इसकी जिम्मेदारी वाराणसी टीम को दी। जिसके बाद वाराणसी एसटीएफ ने टीम गठित कर दोनों आरोपी भाइयों को सारनाथ थाना क्षेत्र के सारंगनाथ मंदिर से गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपी मंदिर में तांत्रिक का काम करते थे। गिरफ्तार अभियुक्तों ने एसटीएफ की पूछताछ में बताया कि वर्ष 1994 में अनिल सरोज व इसका भाई सुनील सरोज मुम्बई भडवाल चाल पेंकरपाला मीरा रोड भयन्दर में रहते थे और मजदूरी करके जीवन यापन करते थे। इनके पड़ोस में राज नरायन प्रजापति जनपद इलाहाबाद भी अपने परिवार के साथ रहते थे।
अनिल सरोज के सूटकेस से एक दिन 3 हजार रुपए गायब हो गए थे। अनिल सरोज को संदेह था कि यह पैसा राजनरायन प्रजापति के बच्चों ने ही गायब किया है। इस बात को लेकर दोनों परिवारों में आये दिन कहासुनी होने लगी। बताया कि राजनरायन प्रजापति जब अपने काम पर चला गया तब प्लानिंग के तहत अनिल सरोज, सुनील सरोज व अपने साथी कालिया चौहान उर्फ अमरनाथ चौहान के साथ मिलकर राजनरायन प्रजापति की पत्नी व चारों बच्चों की चाकू व चापड से मारकर नृसंश हत्या कर दिये। कालिया चौहान उर्फ अमरनाथ चौहान को महाराष्ट्र पुलिस द्वारा पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, परन्तु अनिल सरोज व सुनील सरोज वर्ष 1994 से ही फरार चल रहे थे।
अनिल सरोज व सुनील सरोज घटना करने के उपरान्त दिल्ली भाग गये थे तथा काफी समय तक लुकछिपी दिल्ली में मजदूरी करने लगे। वर्ष 2009 में दोनों भाई अपने ननिहाल ग्राम सोहनी थाना केराकत जनपद जौनपुर आकर नाम व भेषभूषा बदलकर रहने लगे। इन दोनों का अपने मूल निवास स्थान पर आना-जाना नही था, जिससे इनकी पहचान नही हो पा रही थी। अनिल सरोज तांत्रिक पूजा का काम करता है। इसी पूजापाठ के लिए आज दोनों भाई अनिल सरोज व सुनील सरोज सारंगनाथ मंदिर सारनाथ आये थे। पुलिस व क्राइम ब्रांच की टीम दोनों आरोपी भाइयों को गिरफ्तार कर विधिक कार्यवाही में जुटी हुई है।