भारत और इंग्लैंड के बीच लीड्स में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच के तीसरे दिन एक ऐसा वाकया सामने आया, जिसने क्रिकेट प्रेमियों को हैरान कर दिया। भारत के उपकप्तान और विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत अपने गुस्से भरे बर्ताव के चलते सुर्खियों में आ गए हैं। पंत ने गेंद बदलने को लेकर अंपायर से बहस कर डाली और बात इतनी बढ़ गई कि उन्होंने गेंद को अंपायर के सामने ज़मीन पर पटक दिया। अब पंत पर ICC के दो नियमों के उल्लंघन का आरोप लग सकता है, जिससे उन्हें सख्त सजा मिल सकती है।
क्या हुआ मैदान पर?
घटना इंग्लैंड की पहली पारी के 61वें ओवर की है। हैरी ब्रूक ने मोहम्मद सिराज की एक गेंद पर चौका जड़ा। इस शॉट के बाद गेंद की स्थिति में बदलाव महसूस हुआ और भारतीय कप्तान शुभमन गिल और उपकप्तान ऋषभ पंत ने अंपायर से गेंद बदलने की मांग की।
अंपायर ने गेंद की जांच की और उसे खेलने योग्य बताकर गेंद न बदलने का फैसला सुनाया। इस फैसले से पंत इतने नाराज़ हुए कि उन्होंने अंपायर से लंबी बहस शुरू कर दी और जब उनकी बात नहीं मानी गई, तो उन्होंने गुस्से में गेंद को अंपायर के सामने ज़मीन पर पटक दिया। इसके बाद पंत कुछ कहते हुए पीछे मुड़ गए। यह पूरा घटनाक्रम स्टेडियम में मौजूद दर्शकों के कैमरों में भी कैद हो गया, और दर्शकों की तरफ से शोर मचने लगा।
ICC के नियमों का उल्लंघन: पंत पर बन सकता है मामला
ऋषभ पंत का यह व्यवहार सिर्फ नैतिक रूप से अनुचित नहीं बल्कि ICC के नियमों के भी खिलाफ है। पंत पर निम्नलिखित दो उल्लंघनों का आरोप लग सकता है:
1. ICC कोड ऑफ कंडक्ट - आर्टिकल 2.8 (लेवल 1)
इस अनुच्छेद के अनुसार, यदि कोई खिलाड़ी अंपायर के फैसले का विरोध करता है, विशेष रूप से खुले तौर पर और आक्रामक तरीके से, तो इसे अनुशासनहीनता माना जाता है। इसमें क्लॉज (a) और (h) शामिल हैं जो अंपायर के फैसले पर बार-बार बहस करने और उनके अधिकार को चुनौती देने से जुड़े हैं।
2. ICC कोड ऑफ कंडक्ट - आर्टिकल 2.9
इस अनुच्छेद के तहत मैदान पर वस्तुओं के दुरुपयोग की बात की जाती है। ऋषभ पंत द्वारा गेंद को गुस्से में ज़मीन पर पटकना, इस नियम का सीधा उल्लंघन माना जा सकता है।
अगर पंत को इन दो धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया, तो उन्हें मैच फीस का कुछ हिस्सा जुर्माने के तौर पर चुकाना पड़ सकता है, साथ ही उनके डिसिप्लिनरी रिकॉर्ड में डीमेरिट पॉइंट्स जोड़े जा सकते हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्हें एक या अधिक मैचों से निलंबन का सामना भी करना पड़ सकता है।
क्या यह पंत के करियर पर असर डालेगा?
ऋषभ पंत भारतीय टीम के भविष्य के कप्तानी विकल्पों में से एक माने जाते हैं। लंबे समय के बाद वह चोट से वापसी कर रहे हैं और मैदान पर उनकी जिम्मेदारी उपकप्तान के रूप में और भी बढ़ जाती है। ऐसे में मैदान पर भावनाओं पर नियंत्रण न रख पाना और अंपायर से उलझना उनके व्यक्तिगत छवि और नेतृत्व क्षमता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर सकता है।
BCCI की प्रतिक्रिया और संभावित कार्रवाई
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) इस मामले में क्या रुख अपनाता है। अक्सर इस तरह की घटनाओं में BCCI अपने खिलाड़ियों की पीठ पीछे खड़ा नजर आता है, लेकिन पंत के मामले में अंपायर और मीडिया के स्पष्ट फुटेज के कारण बोर्ड पर तटस्थ कार्रवाई करने का दबाव रहेगा।
यदि ICC औपचारिक शिकायत करता है या अंपायरों की रिपोर्ट में पंत का व्यवहार दर्ज होता है, तो उन्हें अनुशासनात्मक सुनवाई का सामना करना पड़ सकता है।
निष्कर्ष: भावनाओं पर नियंत्रण ज़रूरी
ऋषभ पंत का मैदान पर आक्रामकता के लिए जाना जाना कोई नई बात नहीं है, लेकिन एक नेता के रूप में संयम और मर्यादा बनाए रखना जरूरी होता है। इस मामले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि व्यवहार और अनुशासन की परीक्षा भी है।
अगर पंत इस घटना से सबक लेते हैं और आगे संयमित आचरण अपनाते हैं, तो यह उनके लिए सीख बन सकती है। लेकिन अगर वे अपने व्यवहार में बदलाव नहीं लाते, तो आने वाले समय में ऐसे घटनाक्रम उनकी लीडरशिप की राह में बाधा बन सकते हैं।
अब सबकी निगाहें ICC की कार्रवाई और BCCI की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं। पंत का अगला कदम न केवल उनके करियर के लिए, बल्कि भारतीय क्रिकेट के अनुशासनात्मक मूल्यों के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है