ताजा खबर
वाराणसी में फर्जी प्रमाण पत्र घोटाला: डाकघर का बाबू गिरफ्तार, पूछताछ में जुटी पुलिस   ||    बुलडोजर के बाद भी नहीं मिटा स्वाद: वाराणसी में फिर खुली 'चाची कचौड़ी' की दुकान   ||    रुक्मिणी वसंथ की क्र्रिप्टिक पोस्ट से मची हलचल — क्या एनटीआर-नील की फिल्म में होंगी शामिल?   ||    सन ऑफ सरदार 2 का फर्स्ट लुक रिलीज़ हुआ   ||    Assembly Bypoll 2025 LIVE Update: 4 राज्यों की 5 सीटों पर उपचुनाव के लिए वोटिंग शुरू, मतदान केंद्रों...   ||    ‘तुर्कमेनिस्तान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए भेजेंगे विमान’ ऑपरेशन सिंधु पर बोले विदेश राज्य ...   ||    LIVE Aaj Ki Taaza Khabar, हिंदी न्यूज 19 जून 2025: सोनम रघुवंशी की आज कोर्ट में पेशी, 6 और दिन की रि...   ||    दिल्ली से लेह जा रही इंडिगो फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग, 180 लोग थे सवार   ||    पता चल गया कौन है ‘संजय वर्मा’, जिससे घंटों बात करती थी सोनम, चौंका देगा असली नाम   ||    Israel-Iran की जंग में कूदने को अमेरिका तैयार, जानें अटैक का फाइनल ऑर्डर देने को लेकर क्या बोले ट्रं...   ||    अमेरिकी हमले की आहट के बीच बदले ईरान के सुर, विदेश मंत्री बोले- ‘परमाणु हथियार के लिए कभी कोशिश नहीं...   ||    पाकिस्तान का असली चेहरा बेनकाब, ट्रंप की दोहरी नीति पर पेंटागन अधिकारी ने कही बड़ी बात   ||    ‘इस्लामिक शासन का अंत हो…’, खामेनेई के परिवार में बगावत, भतीजे ने कही बड़ी बात   ||    Earthquake News: जबरदस्त भूकंप से कांपा जापान, रिक्टर स्केल पर 6.1 रही तीव्रता   ||    US Student Visa को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, नए नियम से किन देशों को होगा फायदा?   ||    Fact Check: क्या 10 रुपए का सिक्का और 100 रुपए का नोट बंद होने वाला है? यहां जानें दावे का सच   ||    इतिहास में 19 जून: जानिए इस दिन की प्रमुख घटनाएं, जन्म, और पुण्यतिथि   ||    Chandra Gochar 2025: चंद्र की कृपा से मिथुन समेत 3 राशियों के बुरे दिन होंगे खत्म, करेंगे मेष राशि म...   ||    KKR फ्रेंचाइजी की इस टीम में हुई 2 पाकिस्तानी खिलाड़ियों की एंट्री, इस लीग में मचाएंगे धमाल   ||    मोईन अली के भतीजे ने डेब्यू मैच में गेंदबाजों पर बरपाया कहर, 213 के स्ट्राइक रेट से बनाए रन   ||    +++ 
वाराणसी में फर्जी प्रमाण पत्र घोटाला: डाकघर का बाबू गिरफ्तार, पूछताछ में जुटी पुलिस   ||    बुलडोजर के बाद भी नहीं मिटा स्वाद: वाराणसी में फिर खुली 'चाची कचौड़ी' की दुकान   ||    रुक्मिणी वसंथ की क्र्रिप्टिक पोस्ट से मची हलचल — क्या एनटीआर-नील की फिल्म में होंगी शामिल?   ||    सन ऑफ सरदार 2 का फर्स्ट लुक रिलीज़ हुआ   ||    Assembly Bypoll 2025 LIVE Update: 4 राज्यों की 5 सीटों पर उपचुनाव के लिए वोटिंग शुरू, मतदान केंद्रों...   ||    ‘तुर्कमेनिस्तान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए भेजेंगे विमान’ ऑपरेशन सिंधु पर बोले विदेश राज्य ...   ||    LIVE Aaj Ki Taaza Khabar, हिंदी न्यूज 19 जून 2025: सोनम रघुवंशी की आज कोर्ट में पेशी, 6 और दिन की रि...   ||    दिल्ली से लेह जा रही इंडिगो फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग, 180 लोग थे सवार   ||    पता चल गया कौन है ‘संजय वर्मा’, जिससे घंटों बात करती थी सोनम, चौंका देगा असली नाम   ||    Israel-Iran की जंग में कूदने को अमेरिका तैयार, जानें अटैक का फाइनल ऑर्डर देने को लेकर क्या बोले ट्रं...   ||    अमेरिकी हमले की आहट के बीच बदले ईरान के सुर, विदेश मंत्री बोले- ‘परमाणु हथियार के लिए कभी कोशिश नहीं...   ||    पाकिस्तान का असली चेहरा बेनकाब, ट्रंप की दोहरी नीति पर पेंटागन अधिकारी ने कही बड़ी बात   ||    ‘इस्लामिक शासन का अंत हो…’, खामेनेई के परिवार में बगावत, भतीजे ने कही बड़ी बात   ||    Earthquake News: जबरदस्त भूकंप से कांपा जापान, रिक्टर स्केल पर 6.1 रही तीव्रता   ||    US Student Visa को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, नए नियम से किन देशों को होगा फायदा?   ||    Fact Check: क्या 10 रुपए का सिक्का और 100 रुपए का नोट बंद होने वाला है? यहां जानें दावे का सच   ||    इतिहास में 19 जून: जानिए इस दिन की प्रमुख घटनाएं, जन्म, और पुण्यतिथि   ||    Chandra Gochar 2025: चंद्र की कृपा से मिथुन समेत 3 राशियों के बुरे दिन होंगे खत्म, करेंगे मेष राशि म...   ||    KKR फ्रेंचाइजी की इस टीम में हुई 2 पाकिस्तानी खिलाड़ियों की एंट्री, इस लीग में मचाएंगे धमाल   ||    मोईन अली के भतीजे ने डेब्यू मैच में गेंदबाजों पर बरपाया कहर, 213 के स्ट्राइक रेट से बनाए रन   ||    +++ 

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी और उसकी छात्र शाखा पर से प्रतिबंध हटा दिया

Photo Source :

Posted On:Friday, August 30, 2024

28 अगस्त, 2024 को मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने जमात-ए-इस्लामी और उसके छात्र संगठन, छात्र शिबिर पर से प्रतिबंध हटाने का फैसला किया। यह निर्णय उस प्रतिबंध को उलट देता है जो प्रधान मंत्री शेख हसीना के तहत पिछली सरकार द्वारा लगाया गया था। यूनुस प्रशासन ने एक आदेश जारी कर कहा है कि जमात-ए-इस्लामी या छात्र शिबिर को आतंकवाद या हिंसक गतिविधियों से जोड़ने का कोई ठोस सबूत नहीं है, जिसके कारण प्रतिबंध हटाने का निर्णय लिया गया।

शेख हसीना की सरकार द्वारा 1 अगस्त 2024 को लागू किया गया पिछला प्रतिबंध इस आरोप पर आधारित था कि जमात-ए-इस्लामी आरक्षण विरोधी छात्र आंदोलन के हिस्से के रूप में आतंकवादी गतिविधियों और हिंसक कार्रवाइयों में शामिल था। हसीना प्रशासन ने आरोप लगाया कि संगठन ने इन विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़काई और पुलिस अधिकारियों पर हमला किया। इसके अतिरिक्त, जमात-ए-इस्लामी पर सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया गया, जिसके कारण हसीना को इस्तीफा देना पड़ा।


अब प्रतिबंध हटने के बाद, जमात-ए-इस्लामी को सार्वजनिक बैठकें आयोजित करने और अपने छात्र शिविरों को खुले तौर पर संचालित करने की अनुमति मिल गई है। यह नीतिगत बदलाव शेख हसीना के इस्तीफे और यूनुस प्रशासन के भीतर जमात-ए-इस्लामी के प्रति सहानुभूति रखने वाले नेताओं के उदय के बाद हुआ है। प्रतिबंध हटाना बांग्लादेश में नई राजनीतिक गतिशीलता को दर्शाता है, जहां जमात समर्थक प्रभाव हासिल कर रहे हैं।

जमात-ए-इस्लामी एक इस्लामी कट्टरपंथी संगठन है जिसकी स्थापना 1941 में मौलाना मौदुदी ने भारत में की थी। भारत के विभाजन के बाद, यह पाकिस्तान की जमात-ए-इस्लामी बन गई और पाकिस्तानी सेनाओं के साथ जुड़कर बांग्लादेश मुक्ति युद्ध में शामिल हो गई। युद्ध के बाद, कई जमात नेता सऊदी अरब और पाकिस्तान भाग गए। हालाँकि, 1975 में मुजीबुर रहमान की हत्या और सैन्य शासन लागू होने के बाद संगठन को बांग्लादेश में पुनर्जीवित किया गया था।

जमात-ए-इस्लामी का उद्देश्य कट्टरपंथी इस्लाम को बढ़ावा देना और सूफीवाद का विरोध करना है, और इसने ऐतिहासिक रूप से बांग्लादेश, भारत और पाकिस्तान में इस्लामी कट्टरवाद का समर्थन किया है। यह संगठन बांग्लादेश में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक ताकत रहा है, जिसका अक्सर शेख हसीना जैसे धर्मनिरपेक्ष नेताओं से टकराव होता रहता है, जो कट्टरवाद के खिलाफ अपने कड़े रुख और अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा के प्रयासों के लिए जानी जाती थीं।

2013 में, बांग्लादेश उच्च न्यायालय ने लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर धार्मिक सिद्धांतों को प्राथमिकता देने का हवाला देते हुए जमात-ए-इस्लामी का राजनीतिक दल के रूप में पंजीकरण रद्द कर दिया। अब प्रतिबंध हटने के बाद ऐसी अटकलें हैं कि जमात-ए-इस्लामी भविष्य के चुनावों में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के साथ गठबंधन बनाना चाह सकती है। हालाँकि, किसी भी संभावित राजनीतिक वापसी को संभवतः कानूनी और न्यायिक चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।


बनारस और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. banarasvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.