मुंबई, 16 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। अमेरिका में भारतवंशी बिजनेसमैन विवेक रामास्वामी ने सरकारी नौकरियों में बड़े पैमाने पर कटौती का संकेत दिया है। CNN के मुताबिक रामास्वामी ने फ्लोरिडा में गुरुवार को एक कार्यक्रम में कहा कि वे मस्क के साथ मिलकर हजारों सरकारी कर्मचारियों को सामूहिक रूप से निकाल देंगे। वे इसी तरह से देश को बचाने जा रहे हैं। रामास्वामी ने कहा, अगर आप मस्क के काम करने के तरीके को जानते हैं तो आपको पता होगा कि वे ‘छेनी’ की तरह नहीं, बल्कि ‘आरी’ के जैसे काम करते हैं। हम ब्यूरोक्रेसी में उनका ये तरीका अपनाने जा रहे हैं। यह देखना काफी मजेदार होगा। अमेरिका में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में रामास्वामी और टेस्ला चीफ इलॉन मस्क को 'डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी' (DoGE) का प्रभारी बनाया है। ट्रम्प ने सरकारी नौकरशाही को खत्म करने और सरकार के पैसे बचाने के लिए इस विभाग की शुरुआत की है।
रामास्वामी ने कहा, हमें पिछले चार साल में यह यकीन दिलाने की कोशिश की गई है कि अमेरिका का पतन हो रहा है। हम प्राचीन रोमन साम्राज्य की तरह अंत की तरफ बढ़ रहे हैं, लेकिन मुझे ऐसा नहीं लगता। पिछले सप्ताह जो कुछ हुआ है, उससे यही लगता है कि हम एक बार फिर से प्रगति की तरफ बढ़ रहे हैं। अमेरिका के सबसे अच्छे दिन आने वाले हैं। रामास्वामी ने कहा, अब अमेरिका में एक नई सुबह की शुरुआत होगी, जहां हमारे बच्चे बड़े होंगे और हम उन्हें सिखाएंगे कि आप कड़ी मेहनत के बलबूते ही अमेरिका में फिर से आगे बढ़ सकते हैं। अमेरिका में अब सबसे योग्य व्यक्ति को ही नौकरी मिलेगी, चाहे वह किसी भी रंग का क्यों न हो। रामास्वामी ने कहा कि हम देश में सबसे ज्यादा प्रतिभाशाली दिमाग को इकट्ठा कर रहे हैं। ये हमारे दौर का नया मैनहटन प्रोजेक्ट है। मैनहटन प्रोजेक्ट दरअसल अमेरिकी सरकार का एक प्रोजेक्ट था, जिसका मकसद ब्रिटेन और कनाडा के साथ मिलकर जर्मनी की नाजी सेना से पहले परमाणु बम विकसित करना था। विवेक ने कहा कि बहुत अधिक ब्यूरोकेसी का मतलब है कि इनोवेशन कम और खर्चे ज्यादा। फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA), न्यूक्लियर रेगुलेटरी कमीशन (NRC) और बाकी एजेंसियों में ऐसी ही समस्याएं हैं। ऐसी एजेंसियां अपने फैसलों से नए आविष्कार नहीं होने देतीं और लागत को बढ़ाती हैं। इससे देश के विकास में रुकावट पैदा होती है।