इन दिनों सोशल मीडिया पर एक भ्रामक दावा काफी तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कहा जा रहा है कि भारत सरकार छात्रों को मुफ्त लैपटॉप दे रही है। खासकर व्हाट्सएप पर यह मैसेज तेजी से शेयर किया जा रहा है, जिसमें छात्रों को एक लिंक के जरिए फ्री लैपटॉप पाने के लिए आवेदन करने को कहा गया है। लेकिन क्या वाकई सरकार ऐसा कोई स्कीम चला रही है? इस दावे की सच्चाई जानना जरूरी है, ताकि कोई भी इस तरह के फर्जी लिंक का शिकार न हो।
क्या है वायरल दावा?
व्हाट्सएप पर जो मैसेज वायरल हो रहा है, उसमें यह लिखा गया है:
"अर्जेंट: भारत सरकार छात्रों को मुफ्त लैपटॉप देकर शिक्षा के डिजिटलीकरण को बढ़ावा दे रही है। यदि आप भारत सरकार के इस फ्री लैपटॉप योजना के पात्र हैं, तो इस लिंक https://education.gov.in@tinyurl.com/IndiaFreeLaptop-413 पर क्लिक करें और रजिस्ट्रेशन करें।"
इस मैसेज के साथ भारत सरकार की वेबसाइट जैसा दिखने वाला एक लिंक भी जोड़ा गया है ताकि यह अधिक विश्वसनीय लगे। बहुत से लोग इस लिंक पर क्लिक कर अपनी निजी जानकारी भर रहे हैं, जबकि यह लिंक पूरी तरह से फर्जी और फ्रॉड है।
फैक्ट चेक: क्या सच में केंद्र सरकार दे रही है फ्री लैपटॉप?
इस वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए PIB Fact Check, जो कि भारत सरकार की आधिकारिक फैक्ट-चेकिंग एजेंसी है, ने पड़ताल की। जांच के बाद PIB ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर यह स्पष्ट कर दिया कि:
"सरकार की ओर से छात्रों को मुफ्त लैपटॉप देने की कोई भी योजना नहीं चलाई जा रही है। वायरल मैसेज पूरी तरह से फर्जी है और इसका लिंक भी धोखाधड़ीपूर्ण है।"
PIB ने साथ ही लोगों को आगाह किया कि वे इस तरह के लिंक पर क्लिक न करें और अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी अनजान वेबसाइट पर दर्ज न करें।
कैसे पहचानें ऐसे फेक मैसेज?
भ्रामक और धोखाधड़ी वाले मैसेज की पहचान करना हर यूज़र के लिए जरूरी है। नीचे कुछ संकेत दिए जा रहे हैं जिनसे आप ऐसे मैसेज की पहचान कर सकते हैं:
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असली वेबसाइट जैसा दिखने वाला नकली लिंक
जैसे इस मामले में "education.gov.in" नाम का उपयोग किया गया है लेकिन उसके आगे "@tinyurl" जोड़ा गया है, जो असली वेबसाइट का हिस्सा नहीं है।
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"अर्जेंट" या "लिमिटेड टाइम ऑफर" जैसे शब्दों का इस्तेमाल
लोगों में जल्दबाज़ी पैदा करने के लिए अक्सर ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है।
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पर्सनल जानकारी मांगना
फेक साइट्स आपसे आधार नंबर, बैंक डिटेल्स, मोबाइल नंबर, ईमेल आदि मांगती हैं।
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सरकारी योजना का दावा, लेकिन सरकारी साइट पर जानकारी नहीं
यदि सच में कोई योजना है तो उसकी पुष्टि https://pib.gov.in, https://india.gov.in या https://education.gov.in जैसी आधिकारिक साइट पर जरूर मिलेगी।
जनता को सलाह: सतर्क रहें, सावधान रहें
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किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले उसकी URL जांचें।
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अगर कोई सरकारी योजना का दावा करता है, तो उसकी जानकारी केवल सरकारी पोर्टल से ही कन्फर्म करें।
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व्हाट्सएप, फेसबुक, या ट्विटर पर मिलने वाले किसी भी लिंक पर बिना जांच के भरोसा न करें।
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अगर कोई संदिग्ध लिंक मिले तो उसकी जानकारी PIB Fact Check या साइबर सेल को जरूर दें।
निष्कर्ष: फर्जी है वायरल मैसेज
न तो केंद्र सरकार और न ही शिक्षा मंत्रालय ने कोई भी फ्री लैपटॉप योजना शुरू की है। वायरल हो रहा व्हाट्सएप मैसेज पूरी तरह से फर्जी है और धोखाधड़ी का हिस्सा हो सकता है। इस तरह के मैसेज न सिर्फ आपकी निजी जानकारी चुराते हैं बल्कि साइबर फ्रॉड का कारण भी बन सकते हैं।
आपसे अनुरोध है कि इस तरह के मैसेज आगे फॉरवर्ड न करें और अपने दोस्तों, बच्चों और परिवार को भी इसके प्रति जागरूक करें। साइबर सुरक्षा आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है, और छोटी सी सावधानी आपको बड़े नुकसान से बचा सकती है।