सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक ट्रक ड्राइवर को गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में कुछ ही सेकेंड बाद ट्रक सामने चल रही एक कार से टकरा जाता है। इस हादसे को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स का दावा है कि यह घटना भारत में हुई है और इसकी वजह से एक बुजुर्ग दंपती और दो बच्चों की मौत हो गई। लोगों में गुस्सा है, और कई यूजर्स यह पूछ रहे हैं कि "ऐसे ड्राइवर को क्या सजा मिलनी चाहिए?"
हालांकि, जब इस वायरल वीडियो की फैक्ट चेकिंग की गई, तो सच्चाई सामने आई कि यह वीडियो भारत का नहीं, बल्कि कनाडा का है और यह घटना 2022 में हुई थी। सोशल मीडिया पर यह वीडियो भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है
पड़ताल कैसे हुई?
PTI फैक्ट चेक टीम ने वायरल वीडियो के एक स्क्रीनशॉट को लेकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। इस जांच में 26 अगस्त 2024 को किया गया एक फेसबुक पोस्ट मिला, जिसमें यही वीडियो मौजूद था। साथ ही उसमें यह भी लिखा था कि यह हादसा 18 अप्रैल 2022 को कनाडा में हुआ था।
वीडियो में जिस ट्रक ड्राइवर को मोबाइल इस्तेमाल करते हुए देखा गया, उसका नाम महकदीप सिंह था। रिपोर्ट्स के अनुसार, वह उस समय ड्राइविंग के लिए अधिकृत नहीं था और उसने अपने लॉगबुक में फर्जी जानकारी दर्ज की थी। इसके चलते ट्रक का नियंत्रण खो बैठा और सामने चल रही SUV से उसकी टक्कर हो गई।
⚠️ इस दर्दनाक हादसे में कौन-कौन हताहत हुआ?
इस दर्दनाक हादसे के बाद महकदीप सिंह को खतरनाक ड्राइविंग से हुई मौत का दोषी पाया गया और अदालत ने उसे 5 साल की जेल की सजा सुनाई।
भ्रामक दावे कैसे फैलाए जा रहे हैं?
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही पोस्ट्स में यह दावा किया जा रहा है कि यह घटना भारत की है। एक फेसबुक यूजर ने 19 अगस्त 2025 को इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा,
"ऐसा सिर्फ भारत में ही हो सकता है, जहां ट्रक ड्राइवर फोन में व्यस्त रहते हैं और निर्दोष लोगों की जान ले लेते हैं।"
यह दावा गलत और भ्रामक है। यह एक अंतरराष्ट्रीय घटना को भारत से जोड़कर फैलाया जा रहा है, जिससे लोगों की भावनाओं को भड़काया जा रहा है।
✅ निष्कर्ष:
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दावा: भारत में एक ट्रक ड्राइवर ने मोबाइल इस्तेमाल करते हुए एक गाड़ी को टक्कर मार दी, जिसमें बुज़ुर्ग और बच्चों की मौत हो गई।
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सच्चाई: यह दावा गलत है। वीडियो कनाडा का है और घटना 2022 में हुई थी।
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फैसला: यह भ्रामक वीडियो है जिसे गलत संदर्भ में भारत का बताकर वायरल किया गयासावधानी जरूरी:
सोशल मीडिया पर किसी भी वीडियो या खबर को शेयर करने से पहले उसकी सत्यता की जांच करना बहुत जरूरी है। भावनात्मक अपील करने वाली पोस्ट्स अक्सर झूठी या आधी-अधूरी जानकारी पर आधारित होती हैं, जिससे समाज में गलतफहमियां और तनाव पैदा हो सकता है।
सोचिए, समझिए और फिर साझा कीजिए।