मध्य प्रदेश के इंदौर और महू के बीच स्थित सिमरोल थाना क्षेत्र के भेरू घाट इलाके में आज (4 नवंबर 2025) एक बड़ा सड़क हादसा हो गया। एक यात्री बस अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी। इस दुखद दुर्घटना में अब तक तीन लोगों की मौत होने की पुष्टि हुई है, जबकि नौ यात्री घायल हुए हैं। हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस, प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमों ने तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया।
मृतकों में दो महिलाएं शामिल, 38 यात्रियों को बचाया गया
एसपी (ग्रामीण) यांगचेन डोलकर भूटिया ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि यह हादसा भेरू घाट के खतरनाक मोड़ पर हुआ। बस में करीब 38 यात्री सवार थे, जिन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। एसपी ने पुष्टि की कि मृतकों में दो महिलाएं शामिल हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि जिन यात्रियों की मृत्यु हुई है, वे बस में आगे की सीट पर बैठे थे। पुलिस और प्रशासन की टीमों ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए रेस्क्यू अभियान चलाया। गंभीर रूप से घायल यात्रियों को तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया है, जहां उनका इलाज जारी है। एसपी भूटिया ने बताया कि हादसे की वास्तविक वजह जानने के लिए गहन जांच की जा रही है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि दुर्घटनाग्रस्त बस के चालक की भूमिका और लापरवाही के पहलुओं की भी जांच की जा रही है।
चालक के नशे में होने की आशंका, आधिकारिक पुष्टि बाकी
हादसे को लेकर स्थानीय सूत्रों और कुछ यात्रियों ने आशंका जताई है कि बस का चालक नशे की हालत में था, जिसके कारण वह भेरू घाट के तीखे मोड़ पर नियंत्रण खो बैठा। हालांकि, पुलिस प्रशासन ने अभी तक इस दावे की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। पुलिस ने ड्राइवर के बारे में जानकारी जुटानी शुरू कर दी है और जल्द ही हादसे के कारणों को लेकर विस्तृत रिपोर्ट जारी की जाएगी। भेरू घाट क्षेत्र अपनी घुमावदार और खड़ी सड़कों के लिए जाना जाता है, जहां थोड़ी सी भी लापरवाही बड़े हादसे का कारण बन सकती है।
सीएम मोहन यादव ने जताया दुख, मुआवजे का ऐलान
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस भीषण सड़क हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए तत्काल मुआवजे का ऐलान किया है। सीएम यादव के निर्देशानुसार, हादसे में जान गंवाने वाले प्रत्येक मृतक के परिजनों को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि सभी घायल यात्रियों का इलाज पूरी तरह से मुफ्त कराया जाए। प्रशासन को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा मिले और मृतकों के परिजनों को हरसंभव सहायता प्रदान की जाए।
यह हादसा एक बार फिर पहाड़ी और घाट वाले क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन की सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े करता है। प्रशासन को ऐसे संवेदनशील मार्गों पर बस चालकों की नियमित स्वास्थ्य और नशे की जांच सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और बस को खाई से निकालने का काम जारी है। घायलों की स्थिति पर प्रशासन लगातार नजर बनाए हुए है। हादसे की विस्तृत जांच के बाद ही दुर्घटना के असली कारणों का पता चल पाएगा।