मुंबई, 07 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। जयपुर के सवाई मान सिंह (SMS) हॉस्पिटल के ट्रॉमा सेंटर में आग लगने के बाद सर्जरी का काम बुरी तरह प्रभावित हुआ है। फिलहाल मरीजों की सर्जरी पुरानी इमरजेंसी में की जा रही है, जबकि न्यूरो सर्जरी से संबंधित मरीजों को बांगड़ परिसर में स्थानांतरित कर दिया गया है। वहां के न्यूरो वार्ड में सर्जरी की व्यवस्था की गई है। ट्रॉमा सेंटर के इंचार्ज डॉक्टर बी.एल. यादव ने बताया कि उनकी कोशिश है कि बुधवार शाम तक ट्रॉमा सेंटर के आठ ऑपरेशन थिएटर बेड में से तीन को फिर से चालू कर दिया जाए, जबकि बाकी पांच बेड जल्द से जल्द शुरू करने का प्रयास जारी है। 5 अक्टूबर की रात हुई आग की घटना में आठ मरीजों की मौत हो गई थी। आग लगने के बाद ट्रॉमा सेंटर का मुख्य ऑपरेशन थिएटर बंद करना पड़ा। आग से ऑपरेशन थिएटर और आईसीयू वार्ड को नुकसान पहुंचा, जिससे अब गंभीर मरीजों के लिए केवल 22 आईसीयू बेड बचे हैं। इनमें से छह बेड इमरजेंसी में और 16 पोली ट्रॉमा वार्ड में उपलब्ध हैं। पहले यहां 46 आईसीयू बेड की क्षमता थी, जिनमें से न्यूरो आईसीयू के दो वार्ड में 24 बेड थे।
डॉक्टरों के मुताबिक, ट्रॉमा सेंटर में रोजाना औसतन तीन से चार सर्जरी होती थीं। इस सेंटर में आठ ओटी टेबल हैं, जिन पर रोज ऑपरेशन किए जाते थे। यह राजस्थान का सबसे बड़ा ट्रॉमा सेंटर है, जहां राज्य के विभिन्न जिलों के साथ-साथ हरियाणा और उत्तर प्रदेश से भी गंभीर मरीज रेफर होकर आते हैं। यहां का आईसीयू हमेशा फुल रहता है क्योंकि अधिकांश मरीज एक्सीडेंट या गंभीर चोट के मामलों से जुड़े होते हैं। आग की घटना के बाद सरकार ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी और ट्रॉमा सेंटर इंचार्ज डॉ. अनुराग धाकड़ को पद से हटा दिया। उनकी जगह डॉ. मृणाल जोशी को नया अधीक्षक और डॉ. बी.एल. यादव को ट्रॉमा सेंटर इंचार्ज नियुक्त किया गया है। दोनों अधिकारियों ने मंगलवार को कार्यभार संभालते ही घटनास्थल का निरीक्षण किया और अस्पताल की व्यवस्थाओं की समीक्षा की। डॉ. मृणाल जोशी ने कहा कि उनकी प्राथमिकता अस्पताल के इन्फ्रास्ट्रक्चर और एचआर मैनेजमेंट को बेहतर बनाना है। उन्होंने कहा कि पूरे अस्पताल की मशीनरी, इन्फ्रास्ट्रक्चर और अन्य संसाधनों की पूरी जांच करवाई जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा न हो।