बनारस न्यूज डेस्क: वाराणसी से इंसानियत को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। यहां 15 साल की गैंगरेप पीड़िता ने अस्पताल जाते वक्त रास्ते में ही एक बच्ची को जन्म दिया। यह पीड़िता गांव के ही सात युवकों की हवस का शिकार बनी थी। लंबे समय तक समाज की लोकलाज और आरोपियों की धमकी की वजह से उसने अपनी पीड़ा छुपाए रखी, लेकिन गर्भ ठहरने के बाद यह मामला सामने आया।
परिवार का आरोप है कि पुलिस ने मामले में ढिलाई बरती है। सात आरोपियों में से केवल दो– नान्हक और आशू को ही गिरफ्तार किया गया है, जबकि बाकी पांच– करण, सौरभ, गोलू, अंकित और आकाश अब भी फरार हैं। पीड़िता के भाई ने इस बारे में पुलिस कमिश्नर को दोबारा शिकायत दी है। वहीं पुलिस का कहना है कि बच्ची के पिता का निर्धारण कोर्ट के आदेश पर डीएनए टेस्ट से होगा।
सोमवार को अस्पताल ले जाते समय एंबुलेंस न मिलने के कारण परिजन ऑटो से सफर कर रहे थे। इसी दौरान रास्ते में ही पीड़िता ने बच्ची को जन्म दिया। बाद में उसे निजी अस्पताल ले जाया गया और फिर दीनदयाल जिला अस्पताल शिफ्ट किया गया। पीड़िता ने साफ कहा कि वह अपनी बेटी को खुद पालेगी और उसे किसी पिता की जरूरत नहीं है।
फिलहाल डॉक्टरों ने पीड़िता और बच्ची दोनों को इलाज के बाद घर भेज दिया है। पुलिस नए सिरे से जांच की बात कह रही है और लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर एक्शन लेने की बात भी सामने आई है। यह घटना समाज और कानून-व्यवस्था दोनों पर गंभीर सवाल खड़े करती है।