बनारस न्यूज डेस्क: पूर्वांचल में गंगा नदी एक बार फिर लोगों के लिए आफ़त बन गई है। वाराणसी में गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु को पार कर चुका है और अब खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा है। घाटों पर पानी भर गया है, जिसके चलते तर्पण करने वालों को सड़कों और गलियों में बैठना पड़ रहा है। कई रिहायशी इलाकों में भी बाढ़ का पानी घुसने लगा है। बलिया में हालात और गंभीर हैं, जहां गंगा पहले से ही खतरे के बिंदु से ऊपर बह रही हैं।
वाराणसी में सुबह 8 बजे गंगा में ढाई सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जलस्तर बढ़ता दर्ज किया गया। इस बार खास बात यह है कि एक ही सीजन में चौथी बार गंगा का जलस्तर बढ़ा है। सभी घाट पूरी तरह डूब चुके हैं और वरुणा किनारे के आठ मोहल्लों में बाढ़ का पानी भर गया है। हालात को देखते हुए सात राहत शिविर खोले गए हैं, जहां 150 परिवारों के करीब 600 लोगों ने शरण ली है।
बलिया में कई गांवों के स्कूल और सड़कें पानी में डूब गई हैं। यहां गंगा का जलस्तर खतरे के बिंदु से 1.18 मीटर ऊपर पहुंच गया है और हर घंटे करीब दो सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है। गाजीपुर और चंदौली में भी गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। चंदौली का बलुआ घाट पूरी तरह डूब गया है, जबकि मिर्जापुर और भदोही में गंगा सबसे तेज़ी से बढ़ रही हैं।
इस बीच, गंगा किनारे ढाबे चलाने वालों की परेशानी भी बढ़ गई है। अभी पानी तटों के नीचे है, लेकिन तेज़ लहरों के चलते नाव से नदी पार करना खतरनाक हो गया है। स्थानीय लोग डर जताते हैं कि अगर जलस्तर घटा तो तेज़ लहरें तटों से टकराकर फिर से कटान को बढ़ा देंगी। यानी राहत मिलने के बजाय नई मुसीबत सामने आ सकती है।