वाराणसी। धर्म की नगरी काशी में लगातार दूसरे वर्ष काशी तमिल संगमम का आयोजन किया गया है। इस आयोजन तमिलनाडु के युवा, अध्यापक, बिजनेसमैन, और अन्य वर्ग के लोग काशी पहुंच रहे हैं और यहां की सभ्यता और कल्चर से रुबरू हो रहे हैं। इसी काशी तमिल-संगमम का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 दिसंबर के वाराणसी दौरे पर किया था। इस संगमम में रोजाना हो रहे संध्याकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम में गुरुवार को काशी और तमिलनाडु के कलाकारों ने दोनों राज्यों के शास्त्रीय और लोक नृत्य, लोक गायन और वाद्य वादन आदि की प्रस्तुति दी, जिससे उपस्थित श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए।
काशी-तमिल संगमम की 11वीं सांस्कृतिक संध्या के मुख्य अतिथि रहे प्रोफेसर डॉक्टर टीजी सीताराम, अध्यक्ष, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई), समारोह के दौरान वो मंत्रमुग्ध दिखे और उन्होंने सभी कलाकारों की प्रतिभा को सराहा और प्रधानमंत्री की प्रेरणा से हो रहे इस आयोजन को करवाने वालों को साधुवाद दिया।
नमो घाट पर हुई कुल 9 प्रस्तुति
काशी-तमिल संगमम के द्वितीय संस्करण के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की ग्यारहवीं संध्या पर काशी और तमिलनाडु के नौ सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। गुरुवार की शाम दोनों राज्यों के शास्त्रीय और लोक नृत्य, लोक गायन और वाद्य वादन आदि प्रस्तुतियों ने नमो घाट को संगीतमय कर दिया। मां गंगा के तट पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का लुत्फ उठाकर समस्त डेलीगेट्स काफी मुग्ध नजर आए। काशी तमिल संगमम के द्वितीय संस्करण के सांस्कृतिक संध्या का आयोजन उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र प्रयागराज एवं दक्षिण क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र तंजावूर, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा किया गया है। इस दौरान कुल 9 प्रस्तुतियां दी गईं।