बनारस न्यूज डेस्क: बकरिया कुंड की बदहाली को लेकर नगर निगम प्रशासन ने जल्द ही सफाई अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। शंकुलधारा तालाब की तर्ज पर बकरिया कुंड की सफाई नैनो बबल तकनीक से कराई जाएगी, और उम्मीद जताई जा रही है कि अगले महीने से काम शुरू हो जाएगा। इस फैसले के तहत नगर निगम प्रशासन कुंड के दीर्घकालिक रखरखाव की योजना भी बना रहा है। बता दें कि 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कुंड के सुंदरीकरण का उद्घाटन किया था, लेकिन 2022 में वीडीए ने नगर निगम को हैंडओवर करने के बाद इसके रखरखाव में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
नगर निगम प्रशासन ने बकरिया कुंड के रखरखाव के लिए शंकुलधारा की सफाई वाली तकनीक का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है, जिसमें नैनो बबल, ओजोन और अल्ट्रासाउंड तकनीक का उपयोग किया जाएगा। नगर आयुक्त अक्षत वर्मा के अनुसार, कुंड की सफाई के बाद इसके लगातार रखरखाव के लिए कार्ययोजना बनाई जाएगी। इस दौरान नगर निगम प्रशासन ने यह भी बताया कि जैसे दुर्गाकुंड का रखरखाव वेल्सपन इंजीनियरिंग कंपनी को सौंपा गया था, वैसे ही बकरिया कुंड का रखरखाव किसी अन्य संस्था को सौंपा जाएगा।
हालांकि, कुंडों और तालाबों के रखरखाव के लिए नगर निगम ने ढाई करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया था, लेकिन पिछले सालों में इसका खर्च बेहद कम रहा। 2023-24 में महज 47.55 लाख रुपये खर्च किए गए, और अप्रैल 2024 से जुलाई 2024 तक सिर्फ 8.44 लाख रुपये ही खर्च किए गए थे। इस प्रकार, नगर निगम के पास रखरखाव के लिए भरपूर बजट होने के बावजूद खर्च कम करने की वजह से कार्यों में देरी हो रही है।