बनारस न्यूज डेस्क: काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भवन से जुड़े मुकदमे की सुनवाई सिविल जज जूनियर डिवीजन शहर शमाली मित्तल की अदालत में हुई। अदालत ने बीएचयू को पूर्व आदेश का पालन न करने पर फटकार लगाई और लिखित कथन की कॉपी वादी प्रमील पांडेय या उनके अधिवक्ताओं को सौंपने का सख्त निर्देश दिया।
दरअसल, अदालत ने पहले 27 अगस्त की तारीख में ही बीएचयू को आदेश दिया था कि वह अपना लिखित कथन वादी पक्ष को उपलब्ध कराए। लेकिन बीएचयू की ओर से अनावश्यक देरी करते हुए वादी या उनके अधिवक्ताओं को कॉपी नहीं दी गई। इस पर अदालत ने नाराजगी जताई और दोबारा आदेश पारित किया।
वादी पक्ष की ओर से अधिवक्ता गिरीश चंद्र उपाध्याय और मुकेश कुमार मिश्रा ने अदालत को बताया कि बीएचयू की ओर से जानबूझकर विलंब किया जा रहा है। इस पर न्यायालय ने सख्त रुख अपनाते हुए स्पष्ट किया कि आगे किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अब इस मामले की अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को तय की गई है। अदालत ने कहा है कि तब तक वादी पक्ष को लिखित कथन की प्रति हर हाल में उपलब्ध करा दी जानी चाहिए।