वाराणसी। ज्ञानवापी मामला इस वक़्त पुरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। ऐसे में ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी तहखाने में पूजा के खिलाफ दाखिल याचिका पर बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलों को कोर्ट में पेश किया। ढ़ाई घंटे तक चले सुनवाई में मुस्लिम पक्ष की ओर से अधिवक्ता सीनियर एडवोकेट सैयद फरमान अहमद नकवी और हिंदू पक्ष की ओर से अधिवक्ता हरि शंकर जैन व विष्णु शंकर जैन ने अपनी-अपनी दलीलों को पेश किया। लेकिन बहस पूरी ना होने के कारण कोर्ट ने अगली तारीख दे दी। यह सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच ने की। अब इस मामले को लेकर अगली सुनवाई 12 फरवरी की सुबह 10 बजे की जायेगी।
वहीं इस मामले की सुनवाई में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को यह आदेश दिया कि अगली सुनवाई में दोनों पक्ष जिस तारीख से ज्ञानवापी तहखाने में पूजा बंद हैं और क्या पूरा वाक्या है, इसपर सबूत दिखाएं और यह भी बताए कि किसका कब्जा कहां-कहां था या है?
ये है पूरा मामला
बता दें कि ज्ञानवापी परिसर के ASI रिपोर्ट आने के बाद वाराणसी जिला जज ने व्यासजी तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा की अनुमति दे दी। इसके बाद वहां पूजा-पाठ शुरू हो गया इसी फैसले को चैलेंज करते हुए और तहखाने में हो रहे पूजा-पाठ पर रोक लगाने को लेकर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिसपर आज की सुनवाई के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 फरवरी की तारीख मुकर्रर की है।