बनारस न्यूज डेस्क: वाराणसी के मदनपुरा इलाके में बंद पड़े मंदिर को लेकर विवाद तेज हो गया है। यह मंदिर, जो दो घरों के बीच स्थित है, लंबे समय से बंद पड़ा हुआ है और यह दावा किया जा रहा है कि इसका दरवाजा सैकड़ों सालों से नहीं खोला गया है। इस मंदिर की स्थिति और स्वामित्व को लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं।
राजस्व विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर मंदिर का मुआयना किया और इसकी वास्तविकता की जांच शुरू कर दी है। एडीएम सिटी आलोक वर्मा ने बताया कि मंदिर से जुड़े सभी दस्तावेजों की जांच की जा रही है, साथ ही उस घर के दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है, जिसके सामने यह मंदिर स्थित है। इन सभी जांचों में दो से तीन दिन का समय लग सकता है, जिसके बाद स्थिति स्पष्ट होगी और फिर उचित कार्रवाई की जाएगी।
इसी बीच, हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं का भी मंदिर के आसपास जमावड़ा लगने लगा है। मंदिर की स्थिति को लेकर लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और मामले को तूल दे रहे हैं। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस और पीएसी बल को तैनात किया गया है ताकि किसी भी स्थिति में कानून व्यवस्था बनी रहे।
डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल ने सुरक्षा के इंतजामों की जानकारी दी और कहा कि इलाके में पुलिस की तैनाती को बढ़ाया गया है ताकि माहौल बिगाड़ने वालों से सख्ती से निपटा जा सके। फिलहाल, जांच जारी रहने तक वहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
इस मामले को लेकर सनातन रक्षक दल के अध्यक्ष अजय शर्मा ने पुलिस अधिकारियों को सूचित किया था, जिसके बाद मामले की जांच शुरू हुई। कहा जा रहा है कि यह मंदिर सैकड़ों साल पुराना है, और इसका बंद होना एक बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।