बनारस न्यूज डेस्क: वाराणसी की विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम अवधेश कुमार की अदालत में बुधवार को ज्ञानवापी परिसर में उर्स करने और अदृश्य मजार पर चादर चढ़ाने के मामले की सुनवाई टल गई। इस मामले में कुछ हिंदू पक्ष को पक्षकार बनाने के खिलाफ दायर निगरानी अर्जी पर सुनवाई होनी थी, लेकिन हिंदू पक्ष के समय पर अदालत न पहुंचने से बहस नहीं हो पाई। अब अगली सुनवाई 19 अगस्त को होगी।
दरअसल, फरवरी में निचली अदालत (सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट) ने मुख्तार अहमद की याचिका में, जिसमें उर्स करने और चादर चढ़ाने की अनुमति मांगी गई थी, हिंदू पक्ष को तृतीय पक्षकार बनाने का आदेश दिया था। इसी आदेश को चुनौती देते हुए मुख्तार अहमद ने सत्र न्यायालय में निगरानी अर्जी दाखिल की थी।
निगरानी अर्जी पर बहस करते हुए अधिवक्ता नंदलाल पटेल ने तर्क दिया कि निचली अदालत ने बिना गहराई से विचार किए आदेश पारित किया, जबकि इस मामले में हिंदू पक्षकारों का कोई कानूनी अधिकार नहीं बनता। वहीं, निगरानी कर्ता का कहना है कि ज्ञानवापी परिसर में स्थित तीन दृश्य और एक अदृश्य मजार पर वर्षों से चादर चढ़ाने, फातिहा पढ़ने और वार्षिक उर्स का आयोजन होता आया है।
इसी के साथ, जिला जज जय प्रकाश तिवारी की अदालत में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से दाखिल रिवीजन पर भी सुनवाई हुई। इसमें कहा गया कि ज्ञानवापी की जमीन वक्फ बोर्ड की है और इस पर अधिकार क्षेत्र सेंट्रल वक्फ बोर्ड लखनऊ का है। इस रिवीजन पर अगली सुनवाई 20 अगस्त को होगी।