बनारस न्यूज डेस्क: काशी, जो हमेशा से हॉकी, फुटबॉल, बॉलीबाल, एथलेटिक्स, तीरंदाजी जैसे खेलों में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्टता का प्रतीक रही है, आज उसी काशी के खिलाड़ी संसाधनों और सुविधाओं की कमी के कारण संघर्ष कर रहे हैं। यहां के कई खिलाड़ियों ने ओलंपिक जैसे प्रतिष्ठित मंचों पर देश का नाम रोशन किया है, लेकिन आज की युवा पीढ़ी को अभ्यास के लिए उचित मैदान और उपकरणों की तलाश है।
खेलों के प्रति इन खिलाड़ियों का जुनून और समर्पण उतना ही प्रबल है, लेकिन जब तक उन्हें उपयुक्त माहौल और संसाधन नहीं मिलते, उनका जोश और मेहनत अधूरी रह जाती है। हॉकी के रजत, कुश्ती के गोरख यादव, एथलीट शिवांगी, आयुषी और सुहानी जैसे खिलाड़ियों को सही इनडोर स्टेडियम की कमी खल रही है। इन खिलाड़ियों का मानना है कि जब तक उन्हें पूरा वातावरण और सुविधाएं नहीं मिलतीं, तब तक उनका प्रशिक्षण साकार नहीं हो सकता।
हालांकि, सिगरा स्थित डॉ. संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम में बन रहे मल्टीपर्पज स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स ने कुछ उम्मीदें जगाई हैं, लेकिन उसका निर्माण अभी पूरा नहीं हुआ है। खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों का कहना है कि इस स्टेडियम में प्रशिक्षण की प्रक्रिया और इसका स्वरूप क्या होगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है। इस बीच, खिलाड़ियों को उपयुक्त जगह और माहौल के बिना ही अपने भविष्य के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।