बनारस न्यूज डेस्क: वाराणसी में वकीलों और पुलिस के बीच तनाव अब टकराव का रूप ले चुका है। बीते दिनों कचहरी परिसर में दारोगा की पिटाई की घटना के बाद हालात और बिगड़ गए हैं। शनिवार को वकीलों ने न्यायिक कार्य से विरत होकर हड़ताल का ऐलान किया। परिसर से लेकर सड़क तक वकीलों ने जुलूस निकाला और पुलिस कार्रवाई के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।
यह विवाद केवल कचहरी तक सीमित नहीं रहा बल्कि राजनीति में भी गूंजने लगा है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पहले ही इस मामले में सीएम और पीएम को घेर चुके हैं। शनिवार को सपा एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजा और वकीलों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया। उन्होंने एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने और दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग रखी।
मामले में अब तक पुलिस और वकीलों के बीच किसी भी तरह का समझौता नहीं हो सका है। विवाद जितना कानूनी पटल पर है, उतना ही राजनीतिक बयानबाजी से भी गरमा गया है। दोनों पक्ष पीछे हटने को तैयार नहीं हैं और हालात दिन-प्रतिदिन बिगड़ते जा रहे हैं।
शनिवार को कचहरी परिसर में सुबह से ही वकील आंदोलन की तैयारी में जुटे दिखे। जगह-जगह बैठकें हुईं और आगे की रणनीति तय की गई। अदालतों में कामकाज बाधित रहा, जिससे वादी-प्रतिवादी को अगली तारीख लेकर लौटना पड़ा। वकीलों ने साफ कर दिया है कि वे पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ एकजुट हैं और जब तक सख्त कदम नहीं उठाए जाते, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।