बनारस न्यूज डेस्क: शनिवार को वाराणसी के कचहरी परिसर में एक बंदर की वजह से अफरा-तफरी का माहौल बन गया। यह बंदर सीधे सीजेएम कोर्ट में पहुंचा और जज की मेज पर जाकर बैठ गया। उसने फाइलों को पलटना शुरू कर दिया, जिससे कोर्ट का कामकाज कुछ देर के लिए ठप हो गया। इसके बाद बंदर स्पेशल जज (एससी-एसटी) कोर्ट समेत अन्य कोर्ट रूम में भी घुस गया और शासकीय अधिवक्ताओं की टेबल-कुर्सियों पर कब्जा कर लिया।
इस घटना के बाद कोर्ट परिसर में मौजूद लोगों के बीच तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं। खासतौर पर, यह घटना तब हुई जब ज्ञानवापी मामले की सुनवाई चल रही थी। हालांकि, सुनवाई के दौरान जज ने अगली तारीख 18 जनवरी तय कर दी, लेकिन बंदर की अचानक मौजूदगी ने इस केस से जुड़ी नई चर्चा को जन्म दे दिया।
कोर्ट में मौजूद कुछ लोगों का कहना है कि यह एक संकेत हो सकता है कि ज्ञानवापी मामले की सुनवाई तेज की जाए। बंदर किसी को नुकसान पहुंचाए बिना जजों की टेबल पर बैठा रहा, जिससे कई लोगों ने इसे हनुमान जी का प्रतीक मानते हुए धार्मिक संकेत बताया।
करीब एक घंटे तक बंदर ने कोर्ट परिसर में धमाचौकड़ी मचाई। वकील और कोर्ट कर्मचारी अपने काम में लगे रहे, लेकिन इस विचित्र घटना ने माहौल को हल्का कर दिया। बंदर को भगाने के लिए लोगों ने प्रतिरोध किया, जिसके बाद वह परिसर से बाहर चला गया।
इस घटना ने कोर्ट परिसर में एक अनोखी हलचल पैदा कर दी। कुछ लोगों ने इसे महज एक संयोग माना, जबकि अन्य ने इसे धार्मिक दृष्टिकोण से देखा। हालांकि, बंदर के जाने के बाद कोर्ट का कामकाज सामान्य हो गया।