बनारस न्यूज डेस्क: वाराणसी में स्थानीय परिवहन का किराया पर्यटकों और यात्रियों के लिए बड़ी समस्या बन गया है। हालत ये है कि दिल्ली जैसी बड़ी दूरी तय करने में जितना खर्च नहीं होगा, उससे ज्यादा पैसा यहां महज 10 किलोमीटर सफर करने में लग सकता है। ओला कैब सर्विस ने पीक आवर्स में किराया बढ़ा दिया है, जिससे यात्रियों की जेब पर भारी असर पड़ रहा है। वहीं, परिवहन विभाग की कोई स्पष्ट भूमिका नजर नहीं आ रही है, जिससे लोग असहाय महसूस कर रहे हैं।
हाल ही में एक यूजर ने ओला एप से शिवपुर से लंका (बीएचयू) के लिए कैब बुक करने की कोशिश की तो 10 किलोमीटर की इस दूरी के लिए 816 रुपए किराया देखकर दंग रह गया। यही नहीं, शिवपुर से 17 किलोमीटर दूर लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट का किराया 926 रुपए दिखाया गया। इतनी ऊंची कीमतें देख यात्री परेशान हो रहे हैं, लेकिन उनके पास सीमित विकल्प हैं।
केवल कैब ही नहीं, ऑटो चालकों ने भी किराया मनमाने तरीके से बढ़ा दिया है। यात्रियों के विरोध करने पर ऑटो चालक ओला एप पर दिख रहे किराए का हवाला देकर अपनी दरें सही ठहराने लगे हैं। इस बढ़े हुए किराए से बचने के लिए कई यात्री मालवाहक वाहनों का सहारा ले रहे हैं, जो सामान्य परिस्थितियों में यात्रियों को लाने-ले जाने के लिए नहीं होते।
हालांकि, प्रशासन ने इस मुद्दे को हल करने के लिए कुछ कदम उठाए हैं। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी घनश्याम ने बताया कि अधिक किराया वसूलने वालों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है, और बीते एक सप्ताह में 100 से अधिक ऑटो चालकों पर कार्रवाई हो चुकी है। इसके अलावा, नगर निगम ने शहर में ऑटो और ई-रिक्शा के लिए किराया सूची जारी कर दी है, जिसे प्रमुख स्थानों और कैंट रेलवे स्टेशन पर चस्पा किया गया है, ताकि यात्रियों को सही जानकारी मिल सके।