बनारस न्यूज डेस्क: वाराणसी में दुर्गाकुंड इमामबाड़ा जमीन विवाद एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। नगर निगम की ओर से जारी नोटिस के बाद मुस्लिम पक्ष सामने आया और दस्तावेज जमा करते हुए दावा किया कि यह जमीन नगर निगम की नहीं, बल्कि शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड उत्तर प्रदेश की संपत्ति है। इस विवाद को लेकर करीब 35 वर्षों से कोर्ट में मुकदमा चल रहा है।
बुधवार को मुतवल्ली नवाब प्यारे हुसैन के बेटे नवाब साजिद हुसैन ने नगर निगम और एडीएम सिटी कार्यालय में दस्तावेज दिए। उन्होंने साफ कहा कि जिस इमामबाड़े को नगर निगम अपनी संपत्ति बता रहा है, वह दरअसल नवाब विलायती बेगम उर्फ बराती बेगम से जुड़ा वक्फ है। वहीं, भाजपा पार्षद अक्षयवर सिंह ने नगर निगम की बैठक में इसे निगम की संपत्ति बताया था।
इसी के बाद महापौर अशोक तिवारी के निर्देश पर निगम की टीम सोमवार को वहां कब्जा लेने पहुंच गई। टीम बोर्ड लगाने ही वाली थी कि मुस्लिम पक्ष के विरोध के कारण उसे खाली हाथ लौटना पड़ा। इसके बाद एडीएम सिटी आलोक वर्मा ने कागजातों की जांच के निर्देश दिए और मुस्लिम पक्ष को दस्तावेज पेश करने का समय दिया गया।
गुरुवार शाम भेलूपुर एसीपी कार्यालय में नगर निगम, जिला प्रशासन, पुलिस कमिश्नरेट और मुस्लिम पक्ष की बैठक बुलाई गई। इसमें निगम की ओर से अनिल यादव और कृष्ण चंद्र, जिला प्रशासन से एडीएम सिटी आलोक वर्मा, पुलिस कमिश्नरेट से एसीपी गौरव कुमार मौजूद रहे। मुस्लिम पक्ष से मुतवल्ली नवाब प्यारे हुसैन और उनके बेटे नवाब साजिद हुसैन भी शामिल हुए और अपना पक्ष रखा।