बनारस न्यूज डेस्क: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (IRRI) में कृषि विभाग की 150वीं वर्षगांठ पर आयोजित डायरेक्ट सीडेड राइस (DSR) कॉन्क्लेव को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि देश के खाद्यान्न उत्पादन में उत्तर प्रदेश का योगदान 21 प्रतिशत है। सीएम योगी ने इस मौके पर एक ऐतिहासिक सत्र की अध्यक्षता भी की, जिसमें 2030 तक यूपी को ग्लोबल फूड बास्केट बनाने की दिशा पर चर्चा हुई।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले 11 सालों में प्रदेश की कृषि प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव आए हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सॉयल हेल्थ कार्ड, किसान बीमा, और एमएसपी जैसी सुविधाएं किसानों तक पहुंची हैं। उन्होंने बताया कि 10 करोड़ किसानों को किसान सम्मान निधि योजना का लाभ हर साल मिल रहा है। योगी ने कहा कि सिर्फ 11% भौगोलिक क्षेत्र होने के बावजूद यूपी, देश के कुल खाद्य उत्पादन में 21% योगदान देकर अग्रणी राज्य बन गया है।
सीएम ने IRRI और आइसार्क (ISARC) के काम की सराहना करते हुए कहा कि इन संस्थानों ने जलवायु-संवेदनशील धान की किस्में और आधुनिक तकनीकें विकसित की हैं, जो खेती को टिकाऊ और लाभकारी बना रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में चार कृषि विश्वविद्यालय हैं और एक नया विश्वविद्यालय जल्द जोड़ा जाएगा। योगी ने कहा कि ये संस्थान कृषि नवाचार और खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमें अपनी पारंपरिक कृषि ज्ञान और धरोहर को भी सहेजना चाहिए। उन्होंने कलानमक धान का जिक्र करते हुए बताया कि यह कभी भगवान बुद्ध को महाप्रसाद के रूप में अर्पित किया जाता था। सीएम ने बताया कि राज्य में अनुकूल मौसम और सरकारी प्रयासों से अन्न, दाल, तेलहन और सब्जियों का उत्पादन पांच गुना बढ़ा है। इस मौके पर उन्होंने नई कृषि मशीनें — ई-सीडर फॉर राइस और प्रिसीजन हिल सीडर भी लॉन्च कीं और किसानों को मिनी किट वितरित कीं।